Shravan Amavasya 2020: हरियाली अमावस्या पर पितरों की शांति के लिए जरूर करें ये काम
धर्म डेस्क। सोमवार को पड़ने वाली अमावस्या को सोमवती अमावस्या के नाम से जाना जाता है। सावन अमावस्या को हरियाली अमावस्या के नाम से जाना जाता है। प्रत्येक अमावस्या की तरह श्रावणी अमावस्या पर भी पितरों की शांति के लिए पिंडदान और दान-धर्म करने का महत्व बताती है। इस बार की अमावस्या तिथि पर बेहद खास संयोग बन रहा है।
सावन अमावस्या पर 47 साल बाद बन रहा है ये संयोग
सावन माह में जहां अमावस्या भी सोमवार के दिन पड़ रही है तो पूर्णिमा भी सोमवार के दिन है। ज्योतिषीय गणना के अनुसार, सोमवती अमावस्या और सोमवती पूर्णिमा का संयोग 47 साल बाद बना है। वहीं 20 साल बाद सावन सोमवार को सोमवती और हरियाली अमावस्या का संयोग बनेगा। इससे पहले साल 2000 में सोमवती और हरियाली अमावस्या एक साथ पड़ी थीं। चन्द्र, बुध, गुरु, शुक्र और शनि ग्रह भी अपनी राशि में रहेंगे। इस दिन भगवान शिव की पूजन फलदायी रहेगा।
पितरों की आत्मा के निमित्त करें ये काम
इस दिन गंगा जल से स्नान करें। सूर्य देव को अर्घ्य देने के बाद पितरों के निमित्त तर्पण करें। श्रावणी अमावस्या का उपवास करें एवं किसी गरीब को दान-दक्षिणा दें। श्रावणी अमावस्या के दिन पीपल के वृक्ष की पूजा का विधान है। इस दिन पीपल, बरगद, केला, नींबू अथवा तुलसी का वृक्षारोपण जरूर करें। किसी नदी या तालाब में जाकर मछली को आटे की गोलियां खिलाएं। अपने घर के पास चींटियों को चीनी या सूखा आटा खिलाएं।
परेशानियों से छुटकारा पाने के लिए करें ये उपाय
यदि आपकी अपनी परेशानियों से छुटकारा पाना है तो सावन की अमावस्या के दिन हनुमान मंदिर जाकर हनुमान चालीसा का पाठ करें। साथ ही हनुमानजी को सिंदूर और चमेली का तेल चढ़ाएं। अमावस्या की शाम को मां लक्ष्मी को खुश करने के लिए घर के ईशान कोण में घी का दीपक जलाएं।
गरीबी दूर करने के उपाय
इस दिन ऐसा करने से घर से दरिद्रता दूर होती है। अमावस्या की रात को घर में पूजा करते समय पूजा की थाली में स्वस्तिक या ॐ बनाकर उस पर महालक्ष्मी यंत्र रखें। शाम को शिवजी की विधिवत पूजा आराधना करें और उनको खीर का भोग लगाएं। ऐसा करने से आपको शिवजी की कृपा मिलती है।
हरियाली अमावस्या का महत्व
सावन मास में वर्षा के कारण चारो तरफ हरियाली छा जाती है। श्रावण अमावस्या पर पेड़-पौधों को नया जीवन मिलता है और इनकी वजह से ही मानव जीवन सुरक्षित रहता है, इसलिए प्राकृतिक दृष्टिकोण से भी हरियाली अमावस्या का बहुत बड़ा महत्व है।