लाइफ़स्टाइल डेस्क। वर्ल्ड हेल्थ आर्गनाइजेशन की एडवाइजरी के बाद भारत सरकार ने लोगों को सलाह दी है कि ट्रिपल लेयर मास्क का ही इस्तेमाल करें। सरकरार ने कहा है कि वॉल्व वाले एन95 मास्क खतरनाक हैं। इनकी जगह तीन परतों वाले मास्क का इस्तेमाल करें। आइए जानते हैं कि कैसे होते हैं ट्रिपल लेयर मास्क? कैसे आप जान सकते हैं इनकी असली क्वालिटी?
ऐसे जानें मास्क असरदार है या नहीं
हालांकि ट्रिपल लेयर वाले भी जो मास्क बाजार में बिक रहे हैं उनकी क्वालिटी अलग-अलग होती है तो आप कैसे मालूम करें कि ये वही ट्रिपल लेयर मास्क हैं, जो कोरोनावायरस से निपटने में असरदार हो सकता है। इसके लिए आपको कुछ टेस्ट करने होंगे, जिसके बाद खुद ब खुद जान जाएंगे कि ये मास्क फायदेमंद है या नहीं।
विजुअल टेस्ट
आप जैसे मास्क खोेलेंगे आप इसमें तीन परतें देखेंगे। ये तीन परतों में बाहर हाइड्रोफोबिक, बगैर बुनी होती है। बीच की परत सफेद मेल्ट ब्लोन लेयर होती है और सबसे अंदर की परत मुलायम, शोषक यानि आबजर्बेंट गैर बुनी होती है। अगर आपके ट्रिपल लेयर मास्क में ये परतें नहीं हैं तो इसका मतलब ये हुआ कि ये असली ट्रिपल मास्क नहीं है।
नॉन फ्लेमेबिलिटी टेस्ट
ट्रिपल लेयर मास्क के बीच की परत मेल्ट ब्लोन फैब्रिक की होती है। ये कागज की नहीं होती इसलिए जब इसे आग के सामने लाएंगे तो पेपर की तरह नहीं जलेगी बल्कि ये बगैर जले पिघलने लगेगी। अगर आपका ऐसा करने पर आग पकड़ लें तो तय मानिए कि ये असली ट्रिपल लेयर मास्क नहीं है।
वाटर रेसिस्टेंस टेस्ट
ट्रिपल लेयर मास्क की सबसे बाहरी लेयर वाटरप्रूफ होती है। अगर आप इसकी सबसे बाहरी लेयर पर पानी उड़लेंगे तो ये पानी को रोक लेगा। अगर ऐसा नहीं होता तो मान लीजिए ये असली नहीं है।
ब्रीथ टेस्ट
इसमें बीच की सतह मेल्ट ब्लोन हो जिससे ये ड्रॉपलेट्स के मामले में फिल्टर का काम करते हुए उन्हें रोके और इलैक्ट्रोस्टेट प्रभाव के कारण उन्हें एब्जार्ब यानि सोख लें, जिससे ये मास्क के आरपार नहीं हो सके। इस मास्क की अंदरूनी सतह ऐसी होती है जो पानी, पसीना और थूक को सोख लें। इन सबके बावजूद इसमें आप बेहतर तरीके से श्वांस ले सकते हैं।
इलेक्ट्रोस्टेट एडजार्ब्शन टेस्ट
ट्रिपल लेयर मास्क के बीच वाली परत पिघलने योग्य परत होती है। इसमें इलेक्ट्रोस्टेट प्रभाव होता है। अगर आप इसको टुकड़ों में फाड़ेंगे तो आप इसमें इलेक्ट्रोस्टेट एडजार्ब्शन प्रभाव को महसूस करेंगे। इसमें इलैक्ट्रिक चार्ज के गुड़ होते हैं। लिहाजा ये स्टील या लोहे से चिपक सकती है।
लाइट ट्रांसमिशन टेस्ट
ट्रिपल लेयर मास्क में बीच की लेयर बैक्टीरिया को ट्रैप करने के लिए इस्तेमाल होती है। लिहाजा इसे बहुत छिद्रयुक्त नहीं होना चाहिए लेकिन अगर इसमें ज्यादा छेद नजर आ रहे हों तो ये ट्रिपल लेयर मास्क नहीं होगा।