शिमला। कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच हिमाचल सरकार ने साफ किया है कि प्रदेश में कम्युनिटी स्प्रैड का कोई खतरा नहीं है, जो मामले सामने आ रहे हैं। वह प्रदेश की स्थिति को नहीं दर्शाते हैं।
एसीएस स्वास्थ्य आरडी धीमान ने इसका खुलासा किया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में कोरोना पूरी तरह से नियंत्रण में हैं और उसे किसी भी सूरत में बढ़ने नहीं दिया जाएगा। हाल ही में कुछ मामले मजदूरों के आए हैं और कुछ मामले शादी समारोह के दौरान के हैं, लेकिन जो मामले आए हैं, उनकी पूरी कांटेक्ट हिस्ट्री प्रदेश सरकार के पास है। ऐसे में मामले बढ़ना चिंता का विषय नहीं है। कम्युनिटी स्प्रैड जांचने के लिए प्रदेश में पहले भी सीरो सर्वे हुआ है और जरूरत पड़ी तो आगे भी यह सर्वे किया जाएगा।
हिमाचल में राष्ट्रीय औसत से ज्यादा टेस्टिंग ?
हिमाचल में कोविड 19 मामलों की टेस्टिंग राष्ट्रीय औसत से ज्यादा है। राष्ट्रीय स्तर पर प्रति मिलियन 11 हजार टेस्टिंग हो रही है जबकि हिमाचल में यह 17 हजार प्रति मिलियन है। अधिक सैंपल जांचे जाने के बावजूद भी पॉजिटिव रेट 1 दशमलव 3 है, जो केंद्र सरकार की गाइडलाइन के मुताबिक 5 प्रतिशत से कम होना चाहिए, जबकि पड़ोसी राज्यों में यह 2 प्रतिशत से ज्यादा है। इसी तरह देश में मृत्यु दर का आंकड़ा 2 दशमलव 5 है जबकि हिमाचल में 0 दशमलव 84 प्रतिशत है।
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केस मैनेजमेंट को बनाया बेहतर
हिमाचल में अब तक 10 लोगों की कोरोना से मौत हुई है, हालांकि इनमें 6 ऐसे मरीज थे, जिन्हें दूसरी क्रोनिक बिमारियां जैसे किडनी की बीमारी भी थी। एसीएस हेल्थ आर डी धीमान के मुताबिक हिमाचल में केस मैनेजमेंट को बेहतर किया गया है। मेडिकल कालेज स्तर पर पॉजिटिव आने वाले मरीजों की मॉनिटरिंग भी हो रही है।
लॉकडाउन का फिलहाल कोई विचार नहीं
देश के कई राज्यों ने कोरोना के बढ़ने मामलों के चलते लॉकडाउन करने का फैसला किया है। कई राज्य वीकएंड पर लॉकडाउन कर रहे हैं तो कईयों ने पूर्ण लॉकडाउन का भी फैसला किया है। लेकिन हिमाचल में स्थिति विपरीत है। एसीएस हेल्थ आर डी धीमान ने कहा कि कोरोना से भी लड़ना है और जीवन भी नार्मल चले। इसका प्रयास किया जा रहा है। सरकार मिडल पाथ पार काम कर रही है। अभी स्थिति पूर्णतया नियंत्रण में है। आर्थिक गतिविधियां भी चलती रहनी चाहिए। जनता की बेवजह घेराबंदी नहीं की जा सकती।
एन-95 मास्क कोरोना बचाव में नहीं प्रभावी
केंद्र सरकार की गाइडलाइन के बाद हिमाचल सरकार ने भी निर्देश जारी किए हैं कि एन-95 मास्क कोरोना बचाव में प्रभावी नहीं है। केवल हेल्थ केयर वर्कर इसका उपयोग कर सकते हैं। आम जनता घर में बने फेसकवर या थ्री लेयर सर्जिकल मास्क का भी ही उपयोग करें। छिद्रयुक्त एन 95 मॉस्क का उपयोग करने वाला दूसरे व्यक्ति को भी कोरोना संक्रमित कर सकता है। एसीएस हेल्थ आर डी धीमान ने कहा कि एन 95 मास्क आम लोगों के लिए महंगा भी है और प्रभावी भी नहीं है।