• About us
  • Privacy Policy
  • Disclaimer
  • Terms & Conditions
  • Contact
24 Ghante Latest Hindi News
  • होम
  • राष्ट्रीय
    • उत्तराखंड
    • उत्तर प्रदेश
    • छत्तीसगढ़
    • हरियाणा
    • राजस्थान
  • राजनीति
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म
  • होम
  • राष्ट्रीय
    • उत्तराखंड
    • उत्तर प्रदेश
    • छत्तीसगढ़
    • हरियाणा
    • राजस्थान
  • राजनीति
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म
No Result
View All Result

जानें क्यों याद किया जाता है इब्राहिम की कुर्बानी को

Desk by Desk
29/07/2020
in Main Slider, ख़ास खबर, धर्म, फैशन/शैली, राष्ट्रीय
0
ईद-उल-अजहा
14
SHARES
176
VIEWS
Share on FacebookShare on TwitterShare on Whatsapp

धर्म डेस्क। मुसलमानों के दो मुख्य त्यौहार ईद-उल-अजहा और ईद-उल फितर है। जहां ईद-उल-अजहा बकरीद को कहा जाता है। वहीं, ईद-उल फितर मीठी ईद को कहा जाता है। ईद-उल फितर के करीब 70 दिन बाद बकरीद को मनाया जाता है। मुसलमान यह त्यौहार कुर्बानी के पर्व के तौर पर मनाते हैं। इस्लाम में इस पर्व का विशेष महत्व है। इस दिन लोग नमाज अदा करने के बाद बकरे की कुर्बानी देते हैं। यह त्यौहार लोगों को सच्चाई की राह पर सबकुछ कुर्बान करने का संदेश देता है। तो चलिए जानते हैं कि ईद-उल-अजहा यानी बकरीद कब है।

इस दिन मनाई जाएगी बकरीद:

इस्लामिक चंद्र कैलेंडर के मुताबिक, बारहवें महीने जु-अल-हज्जा की पहली तारीख को चांद दिखाई देता है। ऐसे में इस महीने के दसवें दिन ईद-उल-अजहा (बड़ी ईद) मनाई जाएगी। वहीं, ग्रेगोरियन कैलेंडर के अनुसार, हर वर्ष तारीख में बदलाव होता है। पिछली तारीख से इस बार 11 दिन पहले यह पर्व मनाया जाएगा। बता दें कि उपलब्ध जानकारी के मुताबिक, इस साल बकरीद का त्योहार 31 जुलाई से शुरु होकर 1 अगस्त की शाम को चलेगी।

बकरीद का महत्व

इस्लाम धर्म में पैगंबर हजरत इब्राहिम से ही कुर्बानी देने की परंपरा की शुरु की गई थी। माना जाता है कि इब्राहिम अलैय सलाम की कोई औलाद नहीं थी। कई मिन्नतों बाद उन्हें एक औलाद हुई जिसका नाम इस्माइल रखा। इब्राहिम, इस्माइल से बेहद प्यार करता था। लेकिन एक रात अल्लाह ने इब्राहिम से उसकी सबसे प्यारी चीज की कुर्बानी मांग ली। इब्राहिम ने अपने प्यारे जानवरों की कुर्बानी एक-एक कर दे दी। इसके बाद भी अल्लाह एक बार फिर उसके सपने में आए और फिर से सबसे प्यारी चीज की कुर्बान करने का आदेश दिया।

मान्यता है कि इब्राहिम को इस्माइल यानी अपने बेटे से बेहद प्यार था। अल्लाह के आदेश का पालन करते हुए वो अपने बेटे की कुर्बानी देने को तैयार हो गया। इस दौरान इब्राहिम ने अपनी आंखों पर पट्टी बांध ली। अपने बेटे की कुर्बानी देने के बाद जब इब्राहिम ने अपने आंखों से पट्टी खोली तो उन्होंने देखा कि उनका बेटा जीवित है। यह देखकर वो बहुत खुश हुआ। अल्लाह ने उसकी निष्ठा देख उसके बेटे की जगह बकरा रख दिया। तब से ही यह परंपरा चली आ रही है कि बकरीद पर बकरे की कुर्बानी दी जाए। लोग इब्राहिम द्वारा दी गई कुर्बानी को याद करते हुए बकरों की कुर्बानी देते हैं।

Tags: bakra eid date 2020bakrid 2020Eid Mubarakeid ul azhaEid Ul FitarLifestyle and Relationship
Previous Post

मोदी हनुमानगढ़ी में माथा टेकेने के बाद करेंगे मां सरयू का भी दर्शन, जानिये पूरा कार्यक्रम

Next Post

जानें सबसे पहले किसने बांधी थी अपने भाई की कलाई पर राखी

Desk

Desk

Related Posts

Dress
फैशन/शैली

इस ड्रेस में दिखेगा आपका स्टाइलिश लुक

25/10/2025
Anand Bardhan
राजनीति

मुख्य सचिव ने की नर्सिंग पाठ्यक्रम संचालन हेतु गठित एम्पावर्ड समिति की बैठक

24/10/2025
CM Dhami
राजनीति

बनबसा लैंड पोर्ट परियोजना से खुलेगा व्यापार, रोजगार का द्वार : धामी

24/10/2025
CM Vishnudev Sai
राजनीति

प्रधानमंत्री का छत्तीसगढ़ आगमन राज्य के लिए गौरव का अवसर: मुख्यमंत्री

24/10/2025
CM Dhami
राजनीति

शारदा कॉरिडोर-आस्था, धरोहर और विकास का संगम: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी

24/10/2025
Next Post
रक्षाबंधन

जानें सबसे पहले किसने बांधी थी अपने भाई की कलाई पर राखी

यह भी पढ़ें

A huge fire broke out in Tata's electronics plant

TATA के प्‍लांट में लगी भीषण आग, काले धुएं से ढका आसमान, देखें- VIDEO

28/09/2024
Gudi Padwa

गुड़ी पड़वा कब है, जानें इस दिन क्या करें और क्या नहीं

29/03/2025
President Draupadi Murmu

राष्ट्रपति मुर्मु के साथ राजभवन परिवार ने कराई फोटोग्राफी

26/10/2024
Facebook Twitter Youtube

© 2022 24घंटेऑनलाइन

  • होम
  • राष्ट्रीय
    • उत्तराखंड
    • उत्तर प्रदेश
    • छत्तीसगढ़
    • हरियाणा
    • राजस्थान
  • राजनीति
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म

© 2022 24घंटेऑनलाइन

Go to mobile version