जयपुर। राजस्थान में भारतीय जनता पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष डाॅ. सतीश पूनियां ने ट्वीट करके मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और उनकी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा है कि अशोक गहलोत कांग्रेस को टूट से बचाने के लिए विधायकों को जैसलमेर ले गए, सरकार कहाँ तक भागेगी, आगे तो अब पाकिस्तान ही है।
डा़ पूनियां ने विधायकों को जयपुर से जैसलमेर ले जाने पर श्री गहलोत पर तंज कसते हुए कहा कि सभी विधायकों को एक-एक पीपा और दे दो, टिड्डी भगाने के काम आएंगे, इससे किसानों का कुछ तो भला होगा। किसानों का कर्जा तो आपने माफ किया नहीं।
डाॅ. पूनियां ने ट्वीट करके कहा कि जब कांग्रेस पार्टी के सभी विधायक एकजुट हैं, कोई खतरा नहीं है, सब ठीक है तो बाड़ाबंदी क्यों, और बिकाऊ कौन है? उनके नाम सार्वजनिक करिये। मुख्यमंत्री को बाड़े में भी विधायकों पर अविश्वास क्यों है? जयपुर से जैसलमेर के बाद आगे तो पाकिस्तान है, हकीकत से कब तक दूर भागेंगे।
राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार के कांग्रेस विधायकों को जैसलमेर किया शिफ्ट
उन्होंने कहा कि अशोक गहलोत का प्रवचन सुना, दिल्ली जाना कौनसा गुनाह है? आप भी दिल्ली-मुम्बई जाते हो? हम भी भाजपा के काम से बार-बार जाएंगे, तो क्यों बता कर जाएं, यह हास्यास्पद है कि दिल्ली जाने का मतलब सरकार गिराना है। उन्होंने कहा कि श्री गहलोत भाजपा को दोष देते हैं, अगर सरकार गिर रही है तो बचाना हमारी जिम्मेदारी है क्या?
डाॅ. पूनियां ने कहा कि मुख्यमंत्री को किस बात का डर है, आप तो लोकतंत्र के ज्ञाता हो, आपको तो डर होना ही नहीं चाहिये, बाड़े में रखकर विधायकों को परेशान किया जा रहा है, उनके घरवाले उनसे मिलने के लिए परेशान हो रहे हैं। आप बाड़ा खोलो, सरकार चलाओ, फेयरमाउंट के बजाए सचिवालय से काम करो, आमजन को काम होगा तो जैसलमेर कैसे जायेगा?
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डाॅ. पूनियां ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि सरकार इस सत्र में भी विपक्ष द्वारा उठाये जाने वाले मुद्दों का सामना नहीं कर पायेगी, हम पूरी तैयारी के साथ प्रदेश के आमजन के मुद्दों को लेकर सरकार को घेरने के लिये तैयार हैं, पिछले दो सत्रों में भी सरकार घुटने के बल थी। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की जो स्थिति राजस्थान में है, वह कांग्रेस और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत दोनों के लिए आत्मघाती है, मुख्यमंत्री ने भी तय कर लिया होगा कि कांग्रेस उनके हाथ से खत्म हो, महात्मा गाँधी तो नहीं कर पाये, उनके आचरण से लग रहा है कि इस जिद के कारण खुद की पार्टी टूट रही है और वे राजी हो रहे हैं।