नई दिल्ली। चुनाव आयुक्त अशोक लवासा ने मंगलवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। लवासा ने राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद को अपना इस्तीफा सौंप दिया है और 31 अगस्त को रिलीविंग लेटर देने का अनुरोध किया है। हालांकि अभी इस बात की पुष्टि नहीं हुई कि राष्ट्रपति ने उनका इस्तीफा स्वीकार किया है या नहीं।
1980 बैच के सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी लवासा मुख्य चुनाव आयुक्त बनने के दावेदार थे और चुनाव आयोग में उनका कार्यकाल अभी बाकी था। एशियाई विकास बैंक (एडीबी) ने भारत के चुनाव आयुक्त अशोक लवासा को निजी क्षेत्र के संचालन और सार्वजनिक-निजी भागीदारी के लिए उपाध्यक्ष नियुक्त किया है। अब वे दिवाकर गुप्ता की जगह लेंगे, जिनका कार्यकाल 31 अगस्त को समाप्त हो रहा है।
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एशियाई विकास बैंक ने बयान में कहा था, ‘एडीबी ने अशोक लवासा को प्राइवेट सेक्टर ऑपरेशंस और पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप के लिए बैंक में उपाध्यक्ष पद पर नियुक्त किया है। वह दिवाकर गुप्ता की जगह लेंगे, जिनका कार्यकाल 31 अगस्त तक का है।’
चुनाव आयुक्त के रूप में नियुक्ति से पहले, लवासा केंद्रीय वित्त सचिव के रूप में सेवानिवृत्त हुए। इससे पहले वे पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय और केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्रालय के केंद्रीय सचिव भी रहे।
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लवासा उस समय चर्चा में आए थे जब 2019 लोकसभा चुनाव के दौरान उन्होंने पीएम नरेंद्र मोदी और पूर्व भाजपा अध्यक्ष अमित शाह को आचार संहिता के उल्लंघन मामले में क्लीन चीट मिलने का विरोध किया था। चुनाव के कुछ समय बाद ही लवासा, उनकी पत्नी और उनके बेटे के खिलाफ आयकर विभाग का नोटिस भेजा गया था।