लाइफ़स्टाइल डेस्क। दक्षिण दिशा को यमराज की दिशा माना गया है क्योंकि दक्षिण दिशा के दिग्पाल यम देवता हैं। इसलिए लोग इस दिशा में अपने घर का दरवाजा नहीं बनवाते हैं, इस दिशा में घर का मुख्य द्वारा होने से कई परेशानियां हो सकती हैं, अगर आपको किसी कारणवश अपने घर का निर्माण दक्षिण मुखी भूमि पर करना पड़ रहा है तो इन उपायों को करने से दक्षिणमुखी जमीन का निर्माण भी नुकसान दायक नहीं रहेगा, जानते हैं उपाय…
दक्षिणमुखी भूमि पर भवन बनवाते समय ध्यान रखना चाहिए कि घर का दक्षिणी हिस्सा ऊंचा रहे। दक्षिण दिशा में आप ऊंचे कमरे बनवा सकते हैं। जिससे घर के लोगों पर कोई बुरा प्रभाव नहीं पड़ता है, सभी सदस्यों की सेहत सही रहती है और घर हमेशा सुख-संपन्न होता है।
दक्षिणमुखी भवन या भूमि खरीदना आवश्यक हो तो आप पहले वह घर किसी विश्वसनीय व्यक्ति के नाम पर खरीद लें। उसके बाद दक्षिण या पश्चिम दिशा से घर को बनवाना आरंभ करें। जब निर्माण कार्य पूरा हो जाए तो उस भवन को अपने नाम में करवा लें।
दक्षिण दिशा के शुभ-अशुभ प्रभाव सबसे ज्यादा घर की स्त्रियों को प्रभावित करते हैं। अगर आपका घर दक्षिण दिशा में बना हुआ है तो अपने घर के पानी का बहाव उत्तर दिशा से बाहर की ओर को करवाएं इससे धन संबंधित परेशानियां नहीं रहती हैं और घर की महिलाओं की सेहत भी सही रहती है।
घर का मुख्य दरवाजा कभी भी दक्षिण दिशा की तरफ नहीं न बनवाएं, अगर दरवाजा दक्षिण दिशा की ओर बना हुआ है तो वास्तु दोष को दूर करने के लिए दरवाजे के सामने की तरफ इस तरह से दर्पण लगाएं की घर में प्रवेश करते समय व्यक्ति का पूरा प्रतिबिंब दर्पण में दिखाई दे, इससे व्यक्ति के साथ घर में नकारात्मक ऊर्जा प्रवेश नहीं करेगी।