नई दिल्ली| दिल्ली विश्वविद्यालय का नया शैक्षिक सत्र 2020–21 कोविड-19 के चलते इस वर्ष तीन सप्ताह के विलंब से शुरू हुआ है। 10 अगस्त को शिक्षकों की ज्वाइनिंग के बाद छात्रों को पढ़ाने के लिए टाइम टेबल दे दिया गया है।
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आम आदमी पार्टी से जुड़े संगठन डीयू टीचर्स एसोसिएशन के संयोजक हंसराज सुमन का कहना था कि इन कक्षाओं में छात्रों की उपस्थिति 40 से 50 फीसदी है। जो छात्र कक्षा ले रहे हैं, उनके पास अध्ययन सामग्री का अभाव है। छात्रों के पास पुस्तकें नहीं हैं। शिक्षक पढ़ा रहे हैं और वे मात्र सुन पा रहे हैं।
पुस्तकों के अभाव में छात्रों की उपस्थिति बहुत कम है। दिल्ली से बाहर रह रहे अधिकांश छात्रों के पास इंटरनेट की सुविधाएं नहीं है। उनका कहना है कि शिक्षक स्वाभाविक रूप से अच्छा पढ़ा रहे हैं, लेकिन छात्रों के फीडबैक से पता चलता है कि इस एक घंटे के दौरान छात्रों से ठीक तरह से वार्तालाप न होने के कारण शिक्षक सिर्फ बोलता है और छात्र सुनते हैं। पढ़ाने वाला ना तो ठीक से पढ़ा पा रहा है और पढ़ने वाले ठीक से पढ़ पा रहे हैं।
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उन्होंने अपना अनुभव साझा करते हुए बताया कि पिछले दो सप्ताह से 40 से 50 फीसदी छात्र ही कक्षा ले रहे हैं। इनमें उन छात्रों की ज्यादा संख्या है जिनके पास पाठ्यक्रम की पुस्तकें नहीं हैं। वे केवल उपस्थिति के लिए आ रहे हैं। साथ ही उन्होंने बताया है कि जो ब्लैकबोर्ड पर लिखकर उन्हें बताना चाहते हैं उसे बता नहीं सकते, ना ही छात्रों को बार-बार देख सकते कि वे पढ़ रहे हैं या नहीं।