लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य में अधिक से अधिक कृषक उत्पादक संगठनों(एफपीओ) का गठन करने के निर्देश देते हुए कहा कि एफपीओ के अधिकाधिक गठन से कृषि क्षेत्र का सुदृढ़ीकरण और किसानों के कल्याण एवं प्रगति का मार्ग प्रशस्त होगा।
श्री योगी के सरकारी आवास पर शुक्रवार को यहां उत्तर प्रदेश कृषक उत्पादक संगठन नीति-2020 का प्रस्तुतीकरण किया गया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि राज्य में अधिक से अधिक कृषक उत्पादक संगठनों का गठन किया जाए। यह प्रयास किया जाए कि प्रत्येक विकास खण्ड स्तर पर एक कृषक उत्पादक संगठन (एफ0पी0ओ0) का गठन हो। उन्होंने कहा कि एफ0पी0ओ0 के अधिकाधिक गठन से कृषि क्षेत्र का सुदृढ़ीकरण और किसानों के कल्याण व प्रगति का मार्ग प्रशस्त होगा।
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उन्होंने कहा कि कृषि विश्वविद्यालयों एवं कृषि विज्ञान केन्द्राें के साथ एफ0पी0ओ0 को जोड़ते हुए इन संस्थाओं को नाॅलेज पार्टनर बनाया जाए। इनके परस्पर समन्वय से बेहतर परिणाम निकलेंगे। उन्हाेंनेे इस अवसर पर एम0एस0एम0ई0, ओ0डी0ओ0पी0, उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण, पशुपालन, डेयरी उद्योग आदि से भी कृषक उत्पादक संगठनों से जोड़ते इन क्षेत्रों को और सुदृढ़ किये जाने की रणनीति बनाये जाने पर बल दिया।
श्री योगी ने कहा कि कृषक उत्पादक संगठनों के गठन उनके क्रिया-कलापों की समीक्षा करते हुए इस सम्बन्ध में आ रही चुनौतियों और कठिनाइयों को दूर किया जाए।
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मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश की कृषि व आर्थिक उन्नति में एफ0पी0ओ0 की महत्वपूर्ण भूमिका है। लघु एवं सीमान्त श्रेणी के कृषकों को कम लागत में कृषि निवेशों की व्यवस्था, नवीनतम तकनीक अपनाकर उच्च उत्पादन, बेहतर मूल्य प्राप्त करने के लिये समुचित विपणन व्यवस्था तथा कृषकों की आय में वृद्धि करने में उत्तर प्रदेश कृषक उत्पादक संगठन नीति कारगर होगी। इस नीति से एफ0पी0ओ0 को बढ़ावा मिलेगा। कृषि उत्पादों के विपणन में आ रही बाधाओं का समुचित निदान हो सकेगा। साथ ही, कृषि एवं सम्बद्ध क्षेत्र के उत्पादों का भण्डारण, प्रसंस्करण व मूल्य संवर्धन कर बेहतर कीमत दिलायी जा सकेगी।
उन्होंने कहा कि कृषक उत्पादक संगठनों को आर्थिक और तकनीकी रूप से समक्ष बनाते हुए व्यावसायिक गतिविधियों को सुचारू रूप से सम्पादित किया जा सकता है।
इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव कृषि देवेश चतुर्वेदी ने उत्तर प्रदेश कृषक उत्पादक संगठन नीति-2020 का प्रस्तुतीकरण करते हुए कृषक उत्पादक संगठनों के गठन/विकास की प्रक्रिया, उनके संचालन सहित प्रबन्धन एवं गवर्नेंस सपोर्ट के सम्बन्ध में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि इस नीति से कृषक उत्पादक संगठन बेहतर ढंग से संचालित हो सकेंगे और यह ग्रामीण समृद्धि का आधार बनेंगे। मुख्यमंत्री ने इस नीति का समग्रता से परीक्षण करते हुए शीघ्र प्रस्तुत किये जाने के निर्देश दिए।