नई दिल्ली। बिहार भाजपा की वरिष्ठ नेता डॉ. उषा विद्यार्थी ने बुधवार को लोजपा का हाथ थाम लिया है। लोजपा अध्यक्ष चिराग पासवान ने उन्हें पार्टी की सदस्यता दिलाई। यह भाजपा के लिए किसी झटके से कम नहीं है, क्योंकि कल ही पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष राजेंद्र सिंह ने भी लोजपा का हाथ थामा।
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उषा विद्यार्थी पटना के पालीगंज विधानसभा सीट से विधायक रह चुकी हैं। इसके अलावा वह बिहार राज्य महिला आयोग की सदस्य भी हैं। ऐसे में लोजपा में शामिल होने के बाद चर्चा शुरू हो गई है कि उषा को एक बार फिर पालीगंज से उम्मीदवार बनाया जा सकता है।
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लोजपा में शामिल होने के बाद उषा ने कहा कि वह मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर लिए गए चिराग के स्टैंड से खासा प्रभावित हुई हैं। उन्होंने कहा कि बिहार को आगे ले जाने के लिए कुछ कड़े कदम उठाने होंगे। बिहार फर्स्ट, बिहारी फर्स्ट एक विचार है।
Delhi: Bihar Bharatiya Janata Party (BJP) leader Dr. Usha Vidyarthi joins Lok Janshakti Party (LJP), in presence of LJP chief Chirag Paswan. pic.twitter.com/Cz81yelv7k
— ANI (@ANI) October 7, 2020
उषा को शामिल कराने के पीछे चिराग का ही हाथ है। उन्होंने पार्टी नेताओं से उषा को लोजपा में शामिल कराने की चर्चा की थी। दो महीने पहले उषा ने कहा था कि पालीगंज सीट भाजपा की परंपरागत सीट है। यदि सीट परिवर्तित होती है तो वह निर्दलीय चुनाव लड़ेंगी।
बता दें कि उषा विद्यार्थी ने एमए, पीएचडी और एलएलबी किया हुआ है। उन्होंने 1992 में राजनीति में प्रवेश किया था। उषा पिछले 28 वर्षों से भाजपा में जुड़ी थीं। वह भाजपा संगठन में काम करते हुए विभिन्न पदों पर रह चुकी हैं। उषा प्रदेश उपाध्यक्ष और प्रदेश प्रवक्ता के पद पर भी रह चुकी हैं।
इससे पहले, भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष राजेंद्र सिंह लोजपा में शामिल हो गए। पार्टी अध्यक्ष चिराग पासवान ने उन्हें पार्टी की सदस्यता दिलाई। इसी के साथ लोजपा ने राजेंद्र सिंह को दिनारा सीट से अपना उम्मीदवार भी बना दिया।