नई दिल्ली| लॉकडाउन खत्म होने और मांग बढ़ने से भारतीय अर्थव्यवस्था में तेजी से सुधार हो रहा है। ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार, सिंतबर महीने में भारतीय अर्थव्यवस्था ने एक बार फिर से वृद्धि की रफ्तार पकड़ी है। ऐसे में चल रहे त्योहारी सीजन में और सुधार होने की उम्मीद है क्योंकि इस दौरान मांग और खपत तेजी से बढेगी।
रिपोर्ट के अनुसार, अर्थव्यवस्था के आठ प्रमुख संकेतकों में से पांच में तेजी से सुधार हुआ है। हालांकि, तीन में अभी सुधार होना बाकी है। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) और वित्त मंत्रालय ने भी कहा है कि कोरोना संकट से उबरकर एक बार फिर से भारतीय अर्थव्यवस्था में तेजी से सुधार हो रहा है। हालांकि, इसके बावजूद चालू वित्त वर्ष में भारतीय अर्थव्यस्था की वृद्धि दर नकारात्मक रहने की आशंका जताई गई है। गौरतलब है कि कोरोना संकट के चलते पहली तिमाही में भारतीय जीडीपी 24 फीसदी तक गिरगई थी।
15वां वित्त आयोग अपनी रिपोर्ट को अंतिम रूप देने की प्रक्रिया में जारी
रिपोर्ट के अनुसार, भारत के सेवा क्षेत्र में लगातार सुधार हो रहा है। सेवा क्षेत्र का सूचकांक सितंबर में बढ़कर 49.8 पर पहुंच गया है। अगस्त में यह 41.8 और जुलाई में 34.2 पर था। वहीं, अप्रैल में यह गिरकर 5.4 पर पहुंच गया था। यह सूचकांक इस बात के संकेत हैं कि भारतीय अर्थव्यवस्था में लगातार सुधार हो रहा है।
मैन्युफैक्चिरंग क्षेत्र में जबरदस्त तेजी दर्ज की गई है। पीएमआई सूचकांक सिंतबर में उछलकर 56.8 पर पहुंच गया जो 2012 के बाद सबसे अधिक है। मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर पांच महीने लगातार संकुचन के बाद यह उछला है।
लंबे समय के बाद सितंबर महीने में निर्यात के मोर्चे पर भी राहत मिली है। सितंबर में निर्यात एक साल पहले के मुकाबले छह फीसदी बढ़ा। दवा, ड्रग्स और फार्मास्यूटिकल, रासायन आदि के निर्यात बढ़ने से यह सुधार हुआ है।