रांची| झारखंड एकेडमिक काउंसिल आठवीं बोर्ड में असफल छात्रों के लिए विशेष परीक्षा का आयोजन नहीं किया जाएगा। जो भी छात्र-छात्रा असफल हुए हैं, उन्हें 20 प्रतिशत ग्रेस मार्क्स देखकर पास किया जाएगा। स्कूली शिक्षा और साक्षरता विभाग के प्रस्ताव पर बुधवार को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अपनी मंजूरी दे दी। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने आठवीं बोर्ड में असफल परीक्षार्थियों को 20 प्रतिशत ग्रेस देकर फिर से परीक्षाफल प्रकाशित करने के प्रस्ताव पर स्वीकृति दी है।
लेखपाल-पुलिस की नौकरी छोड़ी, युवाओं को भा रही शिक्षक की नौकरी
झारखंड एकेडमिक काउंसिल ने जनवरी में आठवीं बोर्ड की परीक्षा ली थी। इस परीक्षा में 5,03,862 परीक्षार्थी शामिल हुए थे। इनमें से 4,61,538 परीक्षार्थी पास हुए, जबकि 42,324 परीक्षार्थी असफल रहे थे। इन परीक्षार्थियों के लिए विशेष परीक्षा का आयोजन किया जाना था। इसके लिए परीक्षार्थियों ने आवेदन भी भर दिया था।
कोरोना महामारी की वजह से इसके आयोजन में समस्या आ रही थी। बच्चों को कोरोना संक्रमण से बचाव को लेकर सरकार ने विशेष परीक्षा नहीं लेने और ग्रेस मार्क्स देकर असफल छात्र-छात्राओं को पास करने का निर्णय लिया। झारखंड एकेडमिक काउंसिल की ओर से 250 अंकों की आठवीं बोर्ड परीक्षा होती है इसमें 33 प्रतिशत यानी 83 अंक लाने वाले परीक्षार्थी पास होते हैं। राज्य सरकार के इस फैसले से अब 13 प्रतिशत यानी 33 अंक लाने वाले असफल परीक्षार्थी भी पास कर जाएंगे।