उत्तर प्रद्रेश में पराली जलाने को लेकर तमाम जिलों में किसानों पर मुकदमे दर्ज किए जा रहे हैं। पुलिस की इस कार्रवाई पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बेहद नाराजगी जताई है। मुख्यमंत्री ने साफ लफ्जों में कहा है कि किसानों के साथ दुर्व्यवहार अथवा उत्पीड़न कतई बर्दाश्त नहीं होगा। इसके साथ ही उन्होंने कृषि विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वह लोग पराली जलाने वाले किसानों को इससे होने वाले नुकसान तथा इसके उपयोग के प्रति जागरूक करें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पराली को लेकर पहले ही कई गाईडलाइन जारी की जा चुकी हैं। अब सूबे में अभियान चलाकर अधिकांश किसानों को पराली जलाने से होने वाले नुकसान और नहीं जलाने से होने वाले लाभ के बारे में जानकारी दी जाए। उन्हेंं बताएं कि पराली जलाना पर्यावरण के साथ आपकी जमीन की उर्वरा शक्ति के लिए भी ठीक नहीं है।
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उधर, मैनपुरी में भी किसानों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। यहां किशनी पुलिस ने 5 किसानों के खिलाफ केस दर्ज कर उन्हें जेल भेज दिया। इस दौरान पुलिस और किसानों में खेत में पराली जलाने को लेकर विवाद भी हुआ, जिसके बाद किशनी इंस्पेक्टर अजीत सिंह किसान को कॉलर पकड़कर घसीटते हुए ले गए। इंस्पेक्टर की इस कार्रवाई की तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है।
यूं तो किसान को अन्नदाता कहा जाता है, लेकिन तस्वीर में प्रभारी निरीक्षक अजीत सिंह किसान का कॉलर पकड़कर खींचते हुए ले जा रहे हैं। यह तस्वीर वायरल होने के बाद न सिर्फ किसानों में क्रोध है, बल्कि आम आदमी में भी चर्चा का विषय बना हुआ है। लोगों का कहना है कि अन्नदाता के प्रति पुलिस का यह रवैया बर्दाश्त करने लायक नहीं है।