धर्म डेस्क। छठ का पर्व हर वर्ष कार्तिक मास में शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को बहुत ही धूमधाम से पूरे भारतवर्ष में मनाया जाता है। इस वर्ष छठ पर्व की पूजा 20 नवंबर दिन शुक्रवार को की जाएगी। बिहार में यह पर्व विशेषतौर पर बहुत हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। यह व्रत संतान के सुखी जीवन की कामना के लिए किया जाता है।
छठ पर्व षष्ठी तिथि से दो दिन पहले यानि चतुर्थी से नहाय-खाय से आरंभ हो जाता है और इसका समापन सप्तमी तिथि को पारण करके किया जाता है। छठ पर्व पूरे चार दिनों तक चलता है। इस पर्व में मुख्यतः सूर्य देव को अर्घ्य देने का सबसे ज्यादा महत्व माना गया है। तो चलिए जानते हैं छठ पूजा की तिथियां, अर्घ्य का समय और पारण समय क्या है।
प्रथम दिन चतुर्थी तिथि नहाय-खाय
कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि से छठ पूजा का आरंभ होता है। इस दिन को नहाय-खाय की परंपरा होती है। इस साल 18 नवंबर दिन बुधवार 2020 को नहाय-खाय का दिन रहेगा।
18 नवंबर सूर्योदय-06 बजकर 46 मिनट पर
दूसरे दिन पंचमी तिथि लोहंडा एवं खरना
छठ पूजा का दूसरा दिन यानि लोहंडा और खरना इस बार 19 नवंबर दिन बृहस्पितवार 2020 को होगा। यह कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की पंचमी का दिन होता है।
- पंचमी 19 नवंबर सूर्योदय-प्रातः 06 बजकर 47 मिनट पर
- पंचमी तिथि 19 नवंबर सूर्यास्त- शाम को 05 बजकर 26 मिनट पर होगा
तृतीय दिन षष्ठी तिथि यानि छठ पूजा का मुख्य दिन और अर्घ्य का समय
कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को छठ पूजा की जाती है। इस दिन संध्या के समय सूर्य को अर्घ्य देते हैं। इस साल छठ पूजा 20 नवंबर को की जाएगी।
- षष्ठी तिथि आरंभ- 19 नवंबर रात 09 बजकर 59 मिनट से
- षष्ठी तिथि समापन- 20 नवंबर रात 09 बजकर 29 मिनट तक
- 20 नवंबर सूर्योदय- सुबह 06 बजकर 48 मिनट पर
- 20 नवंबर सूर्यास्त- शाम 05 बजकर 26 मिनट पर
चतुर्थ दिवस सप्तमी तिथि पारण (सूर्योदय समय)
कार्तिक मास में शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को छठ पूजा के व्रत का समापन किया जाता है। इस दिन सूर्योदय के समय अर्घ्य देने के पश्चात छठ के व्रत का पारण करते हैं। इस वर्ष 21 नवंबर को छठ के व्रत का पारण होगा।
- 21 नवंबर सूर्योदय- प्रातः 06 बजकर 49 मिनट पर
- 21 नवंबर सूर्यास्त-शाम 05 बजकर 25 मिनट पर