उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को कहा कि उनकी सरकार अधिवक्ताओं की समस्याओं के समाधान के लिए दृढ़संकल्पित है।
प्रयागराज के केपी काॅलेज ग्राउण्ड में उत्तर प्रदेश राज्य विधिक परिषद एवं इलाहाबाद हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित प्रदेश अधिवक्ता समागम-2020 कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुये श्री योगी ने कहा कि अधिवक्ताओं की समाज के निर्माण एवं न्याय में महत्वपूर्ण भूमिका है। अधिवक्ताओं का देश की स्वाधीनता और समाज को जागरूक करके यशस्वी नेतृत्व देने में भी महत्वपूर्ण योगदान है। अधिवक्ता विश्वास के प्रतीक हैं। जब व्यक्ति अपनों से हारता है, तो वह भौतिक रूप से अधिवक्ता के पास जाता है। जब तक विश्वसनीयता बनी रहेगी, तब तक न्यायपालिका पर आमजन का विश्वास बना रहेगा।
उन्होंने कहा कि सरकार अधिवक्ताओं की समस्याओं के समाधान के लिए दृढ़संकल्पित है। अधिवक्ताओं द्वारा दिए गए सुझावों पर विचार किया जाएगा। अधिवक्ताओं की लोकतंत्र में महत्वपूर्ण भूमिका है। उन्होंने कहा कि न्याय प्रक्रिया सरल होनी चाहिए और वादकारी का हित सर्वोच्च होना चाहिए।
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मुख्यमंत्री ने कहा कि लोक कल्याण एवं राष्ट्र कल्याण के लिए समाज की ज्वलंत समस्या में मुखरता के साथ अधिवक्ता समाज हर समय खड़ा रहता है। अगर कोई नीति लोक कल्याण एवं राष्ट्र कल्याणकारी नहीं है, तो उसके विरोध में मुखरता के साथ खड़ा होना भी यह समाज जानता है। अधिवक्तागण वास्तविकता में लोकतंत्र के स्तम्भ हैं। अधिवक्ताओं की रूल आफ लाॅ में बड़ी भूमिका होती है।
श्री योगी ने कहा कि प्रयागराज में नेशनल लाॅ यूनिवर्सिटी का निर्माण शीघ्र ही कराया जाएगा। यूनिवर्सिटी की स्थापना से विधि का ज्ञान अर्जन करने वाले विद्यार्थिंयों को लाभ मिलेगा। प्रदेश में जहां भी न्यायालय भवन बनने हैं, वहां फण्ड जारी किया जाएगा। साथ ही तहसील स्तर से लेकर ऊपर तक अधिवक्ताओं के लिए चैम्बर आदि समस्याओं पर पूरा ध्यान देते हुए उनकी समस्याओं को दूर किया जा रहा है। डिजिटल लाइब्रेरी की मांग पर उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा हर सम्भव सहयोग किया जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकार हमेशा अधिवक्ताओं के साथ खड़ी रहेगी।
उन्होने कहा कि अवस्थापना सुविधाओं का विकास चरणबद्ध रूप से कराया जाएगा। इस क्रम में आवासीय एवं अनावासीय भवनों के निर्माण के लिये सीआरएस से क्रमशः 150 करोड़ रुपए एवं 400 करोड़ रुपए की व्यवस्था उपलब्ध है। न्यायालय भवनों के निर्माण के लिये 600 करोड़ रुपए की धनराशि की व्यवस्था प्रस्तावित है। प्रदेश के विभिन्न जिलों में भूमि अधिग्रहण के लिए 1000 करोड़ रुपए की व्यवस्था प्रस्तावित है।
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मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले 03 वर्षों में अधिवक्ता सामाजिक सुरक्षा निधि योजना के अन्तर्गत 1,474 अधिवक्ताओं को कल्याण निधि से भुगतान किया गया है और अधिवक्ता की मृत्यु पर उनके परिजनों को मिलने वाली सहायता राशि के लिए आयु सीमा बढ़ाकर 70 वर्ष किए जाने का शासनादेश जारी किया गया है। 03 वर्षों में आर्थिक सहायता योजना के अन्तर्गत दिवंगत अधिवक्ताओं के कुल 471 आश्रितों को कल्याण निधि से 23 करोड़ 11 लाख रुपए का भुगतान किया गया है। उत्तर प्रदेश अधिवक्ता सामाजिक सुरक्षा निधि के अन्तर्गत मृत्यु दावे के रूप में 622 दिवंगत अधिवक्ताओं के आश्रितों को कल्याण निधि से 04 करोड़ 46 लाख 33 हजार 692 रुपए का भुगतान किया जा चुका है।








