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दुनिया में खतरनाक हथियारों की होड़ को कैसे कम करेंगे बाइडन, जानें पूरा मामला

Desk by Desk
18/12/2020
in Main Slider, अंतर्राष्ट्रीय, ख़ास खबर
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biden putin

biden putin

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वाशिंगटन। अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्‍ट्रपति जो बाइडन 20 जनवरी को कार्यभार ग्रहण करेंगे। ऐसे में अमेरिका के नए राष्‍ट्रपति जो बाइडन पर यह दबाव रहेगा कि वह दुनिया को एक नए हथियारों के हाेड़ से दूर ले जाए। आखिर क्‍या है ताजा मामला। अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्‍ट्रपति के समक्ष क्‍या होगी बड़ी चुनौती। क्‍या है स्ट्रैटेजिक आर्म्स रिडक्शन ट्रीटी। चीन होगा बड़ा फैक्‍टर।

नवंबर में 63.54 लाख घरेलू हवाई यात्रियों ने की यात्रा : DGCA

नवनिर्वाचित राष्‍ट्रपति बाइडन के सत्‍ता संभालते ही इस ट्रीटी को आगे बढ़ाने की बड़ी जिम्‍मेदारी होगी। बाइडन के लिए यह राह आसान नहीं होगी, क्‍यों राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप के प्रशासन काल में दोनों देशों के बीच इस ट्रीटी को लेकर तमाम मतभेद कायम रहे हैं। दूसरे, चीन की बढ़ती ताकत से निपटने के लिए अमेरिका की नई सामरिक नीति के साथ इस गुत्‍थी को सुलझाना आसान काम नहीं होगा।

ICMR डायरेक्टर बलराम भार्गव कोरोना पॉजिटिव, AIIMS में भर्ती

रूसी राष्‍ट्रपति व्‍लादिमीर पुतिन ने गुरुवार को एक ट्वीट में कहा कि हम अमेरिका के साथ हथियारों के नियंत्रण पर वार्ता करने के लिए राजी हैं, लेकिन लिए हमारे सहयोगियों को भी सकारात्‍मक रुख दिखाना होगा। उनका यह ट्वीट उस समय आया जब गुरुवार को रूस ने नए हिथयारों की दौड़ के लिए अमेरिका को दोषी ठहराया। रूस ने कहा कि मास्‍को को हारपरसोनिक हथ‍ियार विकसित करने के लिए मजबूर किया गया था।

भारत पर कार्रवाई के बारे में पूछे गए सवाल पर अमेरिकी राजनयिक ने कहा

नई सामरिक शस्‍त्र न्‍यूनीकरण संधि में चीन को भी शामिल होने का दबाव है। हालांकि, चीन इस संधि में शामिल होने से लगातार बच रहा है। चीन का कहना है कि उसके परमाणु हथियारों का जखीरा रूस और अमेरिका की तुलना में बहुत छोटा है, इसलिए उसका संधि में शामिल होना जरूरी नहीं। लेकिन हाल में अमेरिका और चीन के बीच जिस तरह से गतिरोध हुआ है, उससे यह टकराव और बढ़ा है।

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