बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने विपक्षी दलों के राज्य में मध्यावधि चुनाव होने के दावों के बीच आज कहा कि उनकी सरकार पूरे पांच साल तक चलेगी और पराजित उम्मीदवार निर्वाचन परिणाम को भूलकर अपने-अपने क्षेत्र की सेवा में मजबूती से लग जाएं।
जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री कुमार ने शनिवार को यहां पार्टी मुख्यालय में राष्ट्रीय अध्यक्ष आरसीपी सिंह एवं प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह की उपस्थिति में पार्टी की राज्य कार्यकारिणी एवं राज्य परिषद की पहले दिन की बैठक में अपने संबोधन में जोर देकर कहा, “सरकार पूरे पांच साल चलेगी। समाज के हर तबके के बीच जाइए और हर तबके के उत्थान के लिए काम करिए। आप देखिएगा कि आने वाले समय में हमलोग पहले से अधिक मजबूत होकर उभरेंगे।”
श्री कुमार ने सभी पराजित उम्मीदवारों से कहा, “चुनाव परिणाम को भूलकर पूरी मजबूती के साथ काम में लग जाइए। अपने क्षेत्र की सेवा उसी तरह कीजिए जैसे आप चुनाव जीतकर करते। हमलोग समाजवादी सोच के लोग हैं। गांधी, जेपी, लोहिया, अंबेडकर और कर्पूरी को मानने वाले लोग हैं। हम लोगों की राजनीति सेवा के लिए है, स्वार्थ के लिए नहीं।”
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जदयू के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि इस बार उन्होंने सबके कहने पर और दबाव देने पर मुख्यमंत्री का पद स्वीकार किया। जनता की सेवा ही उनका एकमात्र लक्ष्य है। उन्होंने कहा कि इस बार के विधानसभा चुनाव में जदयू उम्मीदवारों को जिन्होंने वोट दिया और जिन्होंने नहीं दिया, सबके लिए एक समान रूप से काम करना है।
श्री कुमार ने किसी का नाम लिए बगैर आरोप लगाया कि आजकल लोग सोशल मीडिया का उपयोग दुष्प्रचार के लिए करते हैं। तरह-तरह का भ्रम फैलाते हैं। उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं को नसीहत देते हुए कहा कि आप उसका उपयोग लोगों के बीच अपनी सकारात्मक बातों को रखने में करिए। लोगों को, खासकर नई पीढ़ी को सजग करके सही रास्ते पर चलने के लिए प्रेरित करें। उन्होंने कहा कि जो कुछ पाने की लालसा से इस पार्टी में हैं, ये पार्टी उनलोगों के लिए नहीं है। जो नि:स्वार्थ भाव से काम करते हैं और दिन-रात मेहनत कर रहे हैं उन्हें जरूर आगे बढ़ाया जाएगा।
गौरतलब है कि इस बार के विधानसभा चुनाव में हार के कारणों के विश्लेषण करने के लिए हाल ही में हुई राष्ट्रीय जनता दल (राजद) की बैठक में प्रतिपक्ष एवं राजद के नेता तेजस्वी प्रसाद यादव ने दावा किया था कि बिहार में मध्यावधि चुनाव होना निश्चित है। इसके अलावा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अगुवाई वाली नई सरकार का 16 नवंबर 2020 को गठन होने के डेढ़ महीने से अधिक समय बीत जाने के बाद मंत्रिमंडल का विस्तार नहीं होने को लेकर भी सरकार में सबकुछ ठीक नहीं चलने की अटकलें जोरों पर है।