इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने टाइपिंग टेस्ट में शून्य एवं माइनस अंक पाने वालो के चयन को उचित ठहराने पर महानिबंधक कार्यालय से जवाब मांगा है।
न्यायमूर्ति अश्विनी कुमार मिश्र ने विनीत कुमार व 4 अन्य की याचिका पर यह आदेश दिया है। न्यायालय ने अन्य अभ्यर्थियों को भी याचिका में पक्षकार बनने की छूट दी है।
याचियो ने टाइप मे शून्य अंक पाने वालो के चयन के औचित्य पर सवाल उठाये हैं। कहा गया है कि इनका किस कार्य के लिए चयन किया गया है। और याचियो को टाइपिंग टेस्ट में अधिक अंक पाने के बावजूद भी चयनित नही किया गया है।
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न्यायालय ने पूछा जो टाइप में माइनस अंक पाये हैं उनको किसलिए और क्यों चयनित किया गया है। न्यायालय ने सक्षम अधिकारी को अगली सुनवाई के समय रिकार्ड के साथ उपस्थित रहने का भी आदेश दिया है।
न्यायालय याचिका पर अगली सुनवाई 27 जनवरी को करेगी।