इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने कुशीनगर में अपहरण मामले की पीड़िता को 10 फरवरी को अदालत में पेश करने तथा याची दिलीप प्रसाद को भी हाजिर होने का निर्देश दिया है।
अदालत ने कुशीनगर के पुलिा अधीक्षक को निर्देश दिया है कि वह पीड़िता को 10 फरवरी को दो बजे पेश करे।
यह आदेश न्यायमूर्ति जे जे मुनीर ने दिलीप प्रसाद की याचिका पर दिया है।
याचिका पर अधिवक्ता का कहना है कि याची दिलीप प्रसाद और कथित पीड़िता अर्चना भारती ने गाजियाबाद के आर्यसमाज मंदिर में शादी कर ली है। दोनो बालिग है। उसकी पत्नी अपने घर से अपनी मर्जी से याची के साथ आयी थी। उस पर पिता राम नरेश प्रसाद द्वारा अपहरण का झूठा आरोप लगाया गया है।
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सरकारी अधिवक्ता का कहना है कि लड़की ने मजिस्ट्रेट के समक्ष बयान मे कहा है कि वह याची के साथ नही रहना चाहती और पुलिस ने अपहरण के आरोप में चार्जशीट भी दाखिल कर दी है।
याची का कहना है कि वह पति-पत्नी है। लडकी ने परिवार के दबाव मे मजिस्ट्रेट के समक्ष बयान दिया है। याचिका में अपहरण के मुकदमे को निरस्त करने की मांग की गयी है। इस पर कोर्ट ने पीडिता को पेश करने का निर्देश दिया है।