महोबा। तीन धड़ों में बंट चुका बुंदेलखंड का महिला संगठन ‘गुलाबी गैंग’ एक बार फिर सक्रिय होने की कोशिश कर रहा है। सुमन सिंह चौहान की अगुआई वाले धड़े ने महिलाओं और लड़कियों के खिलाफ हो रही हिंसा को रोकने के लिए महोबा जिले में 60 महिलाओं का एक ‘झपट्टामार’ दल गठित किया है, जो घरेलू या बाहरी हिंसा करने वालों को पकड़ कर पुलिस के हवाले करेगा।
गुलाबी महिला उत्थान समिति (पंजीकृत) की मुखिया सुमन सिंह चौहान ने रविवार को ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि उनकी अगुआई वाले गुलाबी गैंग ने महिलाओं और लड़कियों के खिलाफ हो रही घरेलू या बाहरी हिंसा रोकने के लिए एक 60 सदस्यीय ‘झपट्टामार’ दल गठित किया है। उन्होंने कहा कि यह झपट्टामार दल स्कूल, कॉलेजों, मंदिर, हाट-बाजार या घर-आंगन में महिलाओं और लड़कियों के खिलाफ हो रही हिंसा को रोकेगा और हिंसा करने वालों को पकड़ कर पुलिस के हवाले कर कानूनी कार्रवाई करवाएगा।
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बकौल सुमन चौहान, ’60 महिलाओं के ग्रुप में से 20 महिलाएं (10-10) दो तहसीलों चरखारी व कुलपहाड़ में तैनात की गई हैं और 20 महिलाओं का जत्था जिला मुख्यालय में रहेगा, जबकि 20 महिलाओं को ग्रामीण क्षेत्र तैनात किया गया है।’
गौरतलब है कि एक दशक पूर्व बुंदेलखंड़ का महिला संगठन ‘गुलाबी गैंग’ देश-विदेश में अपनी आक्रामक कार्य शैली के लिए चर्चित रहा। इस संगठन से प्रभावित होकर फिल्म निमार्ता अभिनव सिन्हा ने ‘गुलाब गैंग’ नामक फिल्म बनाई थी। लेकिन, यह संगठन फिलहाल तीन धड़ों संपत पाल (बांदा), सुमन सिंह चौहान (महोबा) और कानपुर की आशा निगम में बंटकर निष्क्रिय हो गया। अब एक बार फिर यह सक्रिय होने की कोशिश कर रहा है।