ओडिशा। ओडिशा विधानसभा में शनिवार को खूब हंगामा हुआ है। जिसके कारण विधानसभा अध्यक्ष एस एन पात्रो ने सदन की कार्यवाही दो बार स्थगित करना पड़ा है। विपक्षी दल और सत्तारूढ़ दल के विधायक व मंत्री विधानसभा अध्यक्ष के आसन के समीप पहुंच गए। कांग्रेस व भाजपा के विधायकों ने सरकार से मंडियों से धान तत्काल उठवाने की मांग की। वहीं बीजद के विधायकों ने भाजपा के एक सदस्य से एक दिन पहले, सदन में आत्महत्या की कोशिश करने के लिए माफी मांगने को कहा।
विधानसभा में सुबह साढ़े दस बजे प्रश्नकाल शुरू होते ही कांग्रेस सदस्य अपने सचेतक ताराप्रसाद बाहिनीपति की अगुवाई में आसन के समीप पहुंच गए और यह सुनिश्चित करने के लिए तत्काल कदम उठाने की मांग करने लगे कि किसानों को सरकार की दोषपूर्ण नीतियों का खामियाजा नहीं उठाना पड़े।
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भाजपा के सदस्यों ने भी इस पर कांग्रेस का साथ दिया और सरकार विरोधी नारे लगाए। इस दौरान कांग्रेस के कुछ विधायकों ने अध्यक्ष के आसन के बेहद करीब जाने की कोशिश की लेकिन मार्शलों ने उन्हें रोक दिया।
इस बीच सत्तारूढ़ दल के सदस्य, जिनमें मंत्री और सरकार की मुख्य सचेतक प्रमिला मलिक शामिल थे। अपने स्थानों से ही, देवगढ़ से भाजपा विधायक सुभाष पाणिग्रही से माफी की मांग कर रहे थे। हंगामे के बीच वे भी अपनी मांग पर जोर देते हुए अध्यक्ष के आसन के समीप पहुंच गए।
बीजद के विधायकों ने कहा कि वे विधानसभा की कार्यवाही तब तक नहीं चलने देंगे जब तक पाणिग्रही शुक्रवार को सदन में सेनेटाइजर पीने की कोशिश करने के लिए माफी नहीं मांग लेते।
हंगामे के बीच अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही साढ़े ग्यारह बजे तक के लिए स्थगित कर दी। इसके बाद कार्यवाही शुरू होने पर फिर से हंगामा होने पर अध्यक्ष ने बैठक अपराह्न चार बजे तक के लिए स्थगित कर दी।