कुरान से 26 आयतें हटाने को लेकर वसीम रिजवी की ओर से सुप्रीम कोर्ट में दाखिल याचिका को लेकर मुस्लिम समुदाय में जबर्दस्त आक्रोश देखने को मिल रहा है।
वसीम रिजवी का शिया व सुन्नी दोनों ही समुदाय के लोग विरोध कर रहे हैं। इसी क्रम में ने वसीम रिजवी के सिर को कलम करने वाले को 11 लाख रुपए का इनाम देने का ऐलान किया है। रविवार को शिया व सुन्नी उलमा ने एक मंच पर आकर वसीम को इस्लाम और कुरान का दुश्मन और आतंकवादी करार देते हुये उसके सामाजिक बहिष्कार का एलान किया।
उलमा ने वसीम को मुरतद यानि दीन से खारिज बताते हुए कहा कि अब वह मुसलमान नहीं हैं, लिहाजा उन्हें मुस्लिम कब्रिस्तान में दफनाया भी नहीं जा सकता है।
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वहीं, टीले वाली मस्जिद के इमाम मौलाना फजले मन्नान रहमानी नदवी ने कहा कि वसीम इजराइल के एजेंट के रूप में काम कर रहे हैं। इसका मकसद सिर्फ समाज को नुकसान पहुंचाने का है। मौलाना डॉ कल्बे सिब्तैन नूरी ने कहा वसीम के कृत्य को माफ़ नहीं किया जा सकता।
वसीम रिजवी समाज का हिस्सा ही नहीं हैं। उन्होंने हमेशा मुस्लिम समाज को बदनाम किया है। वे हमारे समाज का हिस्सा ही नहीं है। दोनों मौलाना ने वसीम रिजवी को इस्लाम से खारिज और मुस्लिम समाज से बेदखल करने का फतवा दिया। वहीं, इस दौरीन तय हुआ कि 19 मार्च को जुमे की नमाज के बाद दिल्ली की जामा मस्जिद पर शिया व सुन्नी समुदाय मिलकर बड़ी रैली करेंगे।
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इसी तरह सुन्नी धर्मगुरू मौलाना सलमान नदवी ने मुस्लिम एकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि हमारे बीच तौहीद, पैगम्बर और कुरान को लेकर मतभेद नहीं है। पदमभूषण स्व. मौलाना कल्बे सादिक के बेटे मौलाना कल्बे सिब्तैन नूरी ने कहा कि कुरान अल्लाह का कलाम है, इसमें किसी भी तरह का बदलाव नहीं किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि ईरान सहित कई उलमा का फतवा है कि कुरान का अपमान करने वाला मुसलमान नहीं है।
वहीं, मुरादाबाद बार एसोसिएशन के अध्यक्ष अमीरुल हसन जाफरी ने कहा कि हम रिजवी के रिट याचिका का विरोध करते हैं। कुरआन मजीद के बारे में गलत बयानबाजी करने वालों को ऐसी सजा देना कोई अपराध नहीं है। जाफरी ने कहा कि सिर कलम करने वाले के लिए इनाम की राशि की व्यवस्था वह चंदा लेकर करेंगे। जरूरत पड़ी तो अपनी संतान तक को बेच देंगे।