• About us
  • Privacy Policy
  • Disclaimer
  • Terms & Conditions
  • Contact
24 Ghante Latest Hindi News
  • होम
  • राष्ट्रीय
    • उत्तराखंड
    • उत्तर प्रदेश
    • छत्तीसगढ़
    • हरियाणा
    • राजस्थान
  • राजनीति
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म
  • होम
  • राष्ट्रीय
    • उत्तराखंड
    • उत्तर प्रदेश
    • छत्तीसगढ़
    • हरियाणा
    • राजस्थान
  • राजनीति
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म
No Result
View All Result

जिंदगी आबकारी राजस्व से अहम

Writer D by Writer D
03/04/2021
in Main Slider, उत्तर प्रदेश, क्राइम, ख़ास खबर, विचार
0
poisonous liquor

poisonous liquor

15
SHARES
176
VIEWS
Share on FacebookShare on TwitterShare on Whatsapp

सियाराम पांडे ‘शांत’

उत्तर प्रदेश में जहरीली शराब से मरने वालों का ग्रॉफ बढ़ता ही जा रहा है। प्रतापगढ़ और अयोध्या के गम से यह प्रदेश उबरा नहीं था कि बदायूं जिले के मूसाझाग क्षेत्र में भी जहरीली शराब पीने से दो लोगों की  मौत हो गई जबकि एक की आंखों की रोशनी चली गई। कई लोगों की हालत गंभीर है और वे अस्पतालों में जीवन और मौत से जूझ रहे हैं। तीन दिन में तेरह लोगों को जहरीली शराब से मरना बेहद चिंताजनक है। पंचायत चुनाव के मद्देनजर जिस तरह शराब बांटी जा रही है, उससे पता चलता है कि चुनाव जीतने के लिए कोई कितना नीचे गिर सकता है? इससे मताधिकार की निष्पक्षता और शुचिता पर भी सवाल खड़ा हो रहा है।

शासन—प्रशासन, पुलिस और आबकारी विभाग पर भी अंगुलियां उठने लगी हैं। केवल कुछ अधिकारियों या मातहतों को निलंबित कर देना ही समस्या का समाधान नहीं है। इसके लिए जब तक प्रमुख सचिव आबकारी, जिलाधिकारी, आयुक्त जैसे बड़े पदों पर बैठे लोगों पर कार्रवाई नहीं होगी तब तक जहरीली शराब से होने वाली मौतों का सिलसिला थमने वाला नहीं है। उत्तर प्रदेश में पंचायत चुनाव का बिगुल बज चुका है। इसे देखते हुए गांवों में पीने—पिलाने का, खाने—खिलाने का दौर भी शुरू हो गया है।

जहरीली शराब पीने से एक ने खोई आंखों की रोशनी, दो की मौत

हालांकि यह सिलसिला तो पहले से ही आरंभ हो गया था लेकिन इधर ग्रामीणों की आवभगत, पूछ—परख प्रत्याशियों के स्तर पर कुछ ज्यादा ही बढ़ गई है लेकिन यह तो मतदाताओं को सोचना होगा कि जो आदमी शराब पिलाकर वोट लेगा, वह गांव का भला क्या करेगा? मतदाताओं को साधे रखना एक बात है और मिलावटी और अधोमानक शराब पिलाकर उनकी जिंदगी से खेलना दूसरी बात है। ऐसे लोगों पर सख्त कार्रवाई किए जाने और उनका नामांकन पत्र निरस्त किए जाने की जरूरत है। बदायूं जिले के मूसाझाग क्षेत्र में बताया जा रहा है कि  जिस शराब से दो लोगों की मौत हुई है और एक व्यक्ति के आंखों की रोशनी गई है, वह शराब पंचायत चुनाव लड़ रहे एक प्रत्याशी के स्तर पर बांटी गई थी। अयोध्या और प्रतापगढ़ जिले में भी कमोवेश इसी तरह की बातें कही जा रही हैं।

गत 21 मार्च को उत्तर प्रदेश के चित्रकूट के राजापुर थाना क्षेत्र के खोपा गांव में जहरीली शराब पीने से एक ही बिरादरी के चार लोगों की मौत हो गई थी जबकि निवर्तमान प्रधान समेत तीन की हालत गंभीर  हो गई थी। यह शराब परचून की दुकान से खरीदी गई थी। मतलब जहां आम आदमी के खाने—पीने की चीजें मिलती है, वहां जिंदगी को नुकसान पहुंचाने वाले तत्व भी आसानी से मिल रहे हैं।

निवर्तमान प्रधान ने बाटी  मौत की शराब, दो की मौत, दो की हालत गंभीर

8 जनवरी, 2021 को बुलंदशहर में जहरीली शराब के सेवन से 5 लोगों की मौत हो गई थी जबकि कई अन्य की हालत गंभीर हो गई थी। 21 नवम्बर, 2020 को प्रयागराज के फूलपुर में 6 लोगों की जहरीली शराब पीने से जान चली गई थी। उसी माह 13 नवम्बर को  लखनऊ के बंथरा क्षेत्र में जहरीली शराब पीने से 6 लोगों और  17 नवम्बर को फिरोजाबाद में 3 लोगों की मौत हो गई थी। 10 सिमंबर, 2020 को बागपत के चमरावल गांव में 5  और मेरठ के जानी हलके में 2 की  लाशें शराब ने बिछा दी थीं। 12 अप्रैल 2020 को कानपुर के घाटमपुर में जहरीली शराब से 2 लोगों की मौत हो गई थी। 2009 में सहारनपुर में 32, वर्ष 2010 में वाराणसी में 20, वर्ष 2013 में आजमगढ़ में 40, साल 2016 में लखनऊ में 36 और एटा में 41 लोगों की जान गई थी। साल —दर—साल जहरीली शराब से मरने वालों की संख्या इस बात की गवाह है कि इस मामले को जितनी संजीदगी से लिया जाना चाहिए था, वैसा कुछ किया नहीं गया।

वर्ष 2008 में उत्तर प्रदेश में 16, वर्ष 2009 में 53, वर्ष 2010 में 62, साल 2011 में 13, वर्ष 2012 में 18, वर्ष 2013 में 52, वर्ष 2014 में 5, वर्ष 2015 में 59, वर्ष 2016 में 41, साल 2017 में 18 और साल 2018 में 17 लोगों की मौत के बाद भी प्रशासन का न चेतना यह दशार्ता है कि जहरीली शराब की बिक्री रोकने को लेकर उसकी गंभीरता का प्रतिशत क्या है? वर्ष 2019 में भी जहरीली शराब से सहारनपुर और कुशीनगर में दर्जनों लोग मौत की नींद सो गए थे। शराब की बिक्री से राज्यों को सालाना 24% तक की कमाई होती है। सरकार को होने वाली कुल कमाई में एक्साइज ड्यूटी का एक बड़ा हिस्सा होता है। एक्साइज ड्यूटी सबसे ज्यादा शराब पर ही लगती है। इसका सिर्फ कुछ हिस्सा ही दूसरी चीजों पर लगता है। क्योंकि, शराब और पेट्रोल-डीजल को जीएसटी से बाहर रखा गया है। इसलिए, राज्य सरकारें इन पर टैक्स लगाकर रेवेन्यू बढ़ाती हैं।

दो पक्षों में हिंसक झड़प में भाजपा नेता समेत दो घायल, चार गिरफ्तार

उसे शराब पर स्टेट एक्साइज ड्यूटी से 13 प्रतिशत  की कमाई होती है। वर्ष 2019 में शराब बिक्री से राज्य सरकारों को 2.5 लाख करोड़ रुपए का राजस्व मिला था लेकिन, लॉकडाउन की वजह से देशभर में शराब की दुकानें बंद हो गई थी। एक अंग्रेजी अखबार की रिपोर्ट पर गौर करें तो शराब की बिक्री बंद होने से सभी राज्यों को लॉकडाउन के दौरान रोजाना 700 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ था। उत्तर प्रदेश और ओड़िशा को सर्वाधिक 24 प्रतिशत आय  शराब पर लगने वाली एक्साइज ड्यूटी से होती है जबकि सबसे कम सिर्फ 1 प्रतिशत आय मिजोरम और नागालैंड को होती है।

लॉकडाउन के बीच में जब शराब की दुकानें खोली गई थीं तो देश के 5 राज्यों में एक ही दिन में 554 करोड़ रुपए की शराब बिक गई। सोमवार को उत्तर प्रदेश में 225 करोड़, महाराष्ट्र में 200 करोड़, राजस्थान में 59 करोड़, कर्नाटक में 45 करोड़ और छत्तीसगढ़ में 25 करोड़ रुपए की शराब बिकी। राजस्व लाभ के लिए जिंदगियों से खेलने का सिलसिला बंद होना चाहिए। शराब से जितना राजस्व मिलता है, उससे कहीं अधिक  शराब सेवन  जन्य बीमारियों से  होने वाली मौतों का आंकड़ा भी कुछ कम नहीं होता। कैंसर , टीबी और लिवर सोरायसिस जैसी बीमारियों पर सरकार जितना खर्च करती है, उतना तो उसे राजस्व भी नहीं मिलता।  ऐसे में छोटे लाभ के लिए जनहित की उपेक्षा ठीक नहीं है।

Tags: crime newspoisonous liquorup news
Previous Post

25 हजार के इनामी वांछित बदमाश को गिरफ्तार कर भेजा जेल

Next Post

आज है शीतला सप्तमी, जानिए इस पर्व का महत्व, पूजा विधि और आरती

Writer D

Writer D

Related Posts

Bhai Dooj
धर्म

इस दिन मनाया जाएगा भाई दूज, जानें तिलक लगाने का शुभ मुहूर्त

20/10/2025
Govardhan Puja
Main Slider

गोवर्धन पूजा कब है, जानें शुभ मुहूर्त और पूजा महत्व

20/10/2025
Lizard
Main Slider

दिवाली पर इस जानवर का दिखना होता है शुभ, कारोबार में मिलेगी सफलता

20/10/2025
Rangoli
फैशन/शैली

दिवाली पर नहीं मिला रंगोली बनाने का टाइम, तो इन ट्रिक्स से मिनटों में बना लेंगी

20/10/2025
Suran Sabzi
Main Slider

दिवाली के दिन जरूर बनाई जाती है ये टेस्टी सब्जी, नोट करें मजेदार रेसिपी

20/10/2025
Next Post
sheetla saptami

आज है शीतला सप्तमी, जानिए इस पर्व का महत्व, पूजा विधि और आरती

यह भी पढ़ें

अमेरिकी प्रतिनिधि सभा में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के ख‍िलाफ महाभियोग की कार्यवाही शुरू

13/01/2021
A huge fire broke out in a 24-storey building

आग लगने से छह मकान जलकर खाक, दो व्यक्ति और मवेशी झुलसे

14/03/2024
Raid

सपा नेताओं पर कसा शिकंजा, कंस्ट्रक्शन कंपनी के कई ठिकानों पर IT की रेड

03/08/2022
Facebook Twitter Youtube

© 2022 24घंटेऑनलाइन

  • होम
  • राष्ट्रीय
    • उत्तराखंड
    • उत्तर प्रदेश
    • छत्तीसगढ़
    • हरियाणा
    • राजस्थान
  • राजनीति
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म

© 2022 24घंटेऑनलाइन

Go to mobile version