विधान निर्माता डॉक्टर भीमराव अंबेडकर को बुधवार को उनकी 130वीं जयंती पर राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और अन्य गणमान्य ने श्रद्धांजलि दी।
राष्ट्रपति ने कहा कि डॉक्टर अंबेडकर ने समतामूलक न्यायपूर्ण समाज बनाने के लिए आजीवन संघर्ष किया। आज हम उनके जीवन तथा विचारों से शिक्षा ग्रहण करके उनके आदर्शों को अपने आचरण में ढालने का संकल्प ले सकते हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा है कि डॉ. बाबा साहेब समाज के वंचित वर्गों को मुख्यधारा में लाने के लिए किए गए उनके संघर्ष के लिए हर पीढ़ी के लिए एक मिसाल बने रहेंगे।
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लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने उन्हें संविधान का शिल्पी बताया और कहा कि वह युग दृष्टा थे, जिन्होंने अपना संपूर्ण जीवन समतामूलक समाज की स्थापना को समर्पित कर दिया। इसके पीछे उनका लक्ष्य देश की उन्नति और सर्वजन कल्याण था। उन्होंने कहा कि बाबा साहेब शोषित और वंचितों के अधिकारों की मुखर आसंवाज थे। उन्होंने देश को संविधान दिया, जो 70 वर्षों बाद भी हमारा सर्वश्रेष्ठ मार्गदर्शक बना हुआ है। उनका जीवन हमारे लिए हमेशा प्रेरणा स्रोत बना रहेगा।
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि बाबा साहेब आंबेडकर ने वंचित वर्ग को शिक्षित व सशक्त बनाया। साथ ही न्याय व क्षमता पर आधारित एक प्रगतिशील संविधान दिया, जिसने देश को एकता के सूत्र में बांधा। उनका विराट जीवन और विचार हमारे लिए प्रेरणा के केंद्र हैं।
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उल्लेखनीय है कि डॉ. भीमराव अंबेडकर का जन्म 14 अप्रैल 1891 को एक दलित परिवार में हुआ था। आजीवन उन्होंने पिछड़े वर्गों के उत्थान के लिए कार्य किया। उन्होंने देश का संविधान बनाने में एक बड़ी भूमिका निभाई। 31 मार्च 1990 को उनके योगदान के लिए उन्हें मरणोपरांत देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से सम्मानित किया गया था।