नई दिल्ली। मैक्स अस्पताल (Max Hospital) पटपड़गंज की याचिका पर सुनवाई के लिए दिल्ली हाईकोर्ट (High Court) आज दोबारा बैठी। कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा कि अगर टाटा (TATA) अपने स्टील प्लांट की ऑक्सीजन (Oxygen) लोगों के लिए उपलब्ध करवा सकती है तो बाकी स्टील प्लांट क्यों नहीं यह तो लालच की हद है। कोर्ट ने कहा कि आप ऑक्सीजन मांगे, उधार लें या चुराएं लेकिन आपको पर्याप्त ऑक्सीजन देना होगा।
मैक्स अस्पताल की याचिका पर सुनवाई के लिए दिल्ली हाईकोर्ट दोबारा बैठी
दिल्ली हाईकोर्ट (High Court) ने कहा कि पटपड़गंज मैक्स अस्पताल (Max Hospital) को जल्द ही ऑक्सीजन मिल जाएगी लेकिन कई ऐसे अस्पताल है जहां ऑक्सीजन (Oxygen) की कमी है आप अपने कर्तव्य का सही से निर्वाह नहीं कर रहे हैं अभी तक आपसे किसी इंडस्ट्री ने ऑक्सीजन देने से मना नहीं किया आपको इंडस्ट्री को टेकओवर कर लेना चाहिए।
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कोर्ट को जानकारी दी गई कि मैक्स हॉस्पिटल वैशाली और गुड़गांव में भी 8 घंटे की ऑक्सीजन बची है जो कि सुबह तक नहीं चल पाएगी। जिस पर कोर्ट ने केंद्र सरकार के वकील से कहा कि सरकार को अभी जल्द ही कोई फैसला लेना होगा।
कोर्ट में चल रही सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार में संबंधित विभाग की संयुक्त सचिव ने कोर्ट को बताया कि देश में ऑक्सीजन का कुल उत्पादन अधिकतम 7200 मीट्रिक ही हो सकता है जबकि मौजूदा वक्त में जरूरत 8000 मीट्रिक तक पहुंच गई है। हाई कोर्ट ने केंद्र सरकार को कहा कि हम बिना ऑक्सीजन के लोगों को मरते हुए नही देख सकते।