रामपुर. सपा नेता आजम खान (Azam Khan) सीतापुर जेल में अभी 13 जुलाई को कोविड से ठीक होकर वापस लौटे थे। लेकिन उन्हें सांस लेने फिर से दिक्कत होने लगी। ऑक्सीजन लेवल 88 पहुंचने पर तुरंत डॉक्टरों को बताया गया। पहले चेकअप के लिए डॉक्टरों की एक टीम जेल में पहुंची है। फिर तबीयत ज्यादा खराब होने के चलते उन्हे लखनऊ की मेदांता में एड्मिट कराया गया।
आजम खान (Azam Khan) के बिगड़ते तबीयत को लेकर और उनके परिवार को लेकर उनकी पत्नी शहर विधायक डॉ तज़ीन फात्मा से 24 hour online ने खास बातचीत की। हमारे संवाददाता से बात चीत में फात्मा ने सरकार और हॉस्पिटल पर गंभीर आरोप लगाए। इसके साथ ही उन्होने उम्मीद भी जताई है की वो आजम खान की सेहत से कोई खिलवाड़ नहीं करेंगे।
डॉक्टर अपने पेशे के प्रति हो जिम्मेदार – फात्मा
तज़ीन फात्मा ने कहा कि जबकि 13 जुलाई को उनके ठीक न होने पर भी न जाने किन परिस्थितियों और किस दबाव की वजह से डॉक्टर्स ने यह लिख दिया कि वह पूर्णतया स्वस्थ हैं जबकि उनका ऑक्सीजन लेवल भी कम था और लंग्स में भी इंफेक्शन था। डॉक्टर्स का यह फैसला नैतिक नहीं था डॉक्टर्स को कम से कम अपने पेशे के प्रति ईमानदार होना चाहिए। अगर कोई व्यक्ति बीमार है तो उसे स्वस्थ लिखकर व्हीलचेयर पर बैठाकर एम्बुलेंस में ज़बरदस्ती अस्पताल से निकाल फेंकना कोई नैतिकता नहीं है और न ही कोई ईमानदारी है।
आजम खान की फिर बिगड़ी तबीयत, जिला अस्पताल में हुए शिफ्ट
उम्मीद अब होगा सही इलाज
अब वापस तबियत बिगड़ने पर मेदांता अस्पताल इलाज के लिए भेजे जाने पर तज़ीन फात्मा ने कहा कि उम्मीद है इलाज अच्छा ही होगा और डॉक्टर्स बिना किसी दबाव के काम करेंगे। क्योंकि एक इंसान की जिंदिगी का सवाल है। यह एक राजनीतिक खिलवाड़ नहीं है, बल्कि एक इंसान का जीवन इसके साथ जुड़ा है। अगर वो इतने गम्भीर रूप से अस्वस्थ न होते तो शायद दोबारा उन्हें मेदांता भेजने की ज़रूरत न पड़ती। इसे बेहद घिनौना राजनीतिक खेल समझती हूं।
जेल में बंद सपा सांसद आजम खान लखनऊ के मेदांता में एडमिट
राजनीति का घिनौना स्वरूप
डॉ तज़ीन फात्मा ने कहा कि मैं यह मानकर चल रही हूँ कि राजनीति का स्वरूप इतना घिनौना हो जाएगा कि एक व्यक्ति की जान तक लेने की साज़िश की जाए। मेरे ख्याल से एक लोकतांत्रिक देश में ऐसा नहीं होना चाहिए।
सांसद को जेल में नहीं मिली कोई सुविधा
आज़म खान (Azam Khan) सांसद और खुद विधायक होने पर जेल की सुविधाओं पर तज़ीन फात्मा ने कहा कि आज़म खान (Azam Khan) सांसद भी हैं लेकिन जेल में जो फैसिलिटी मिलनी चाहिए वो शुरू से ही नहीं दीं गई। मैं भी जेल में रही लेकिन मुझे सरकार की तरफ से शासन की तरफ से कोई फैसिलिटी नहीं दी गई।
आज़म खां गम्भीर रूप से अस्वस्थ, यह साज़िश है : डॉ तज़ीन फात्मा
देश लोकतंत्र से डिक्टेटरशिप की तरफ जा रहा
तज़ीन फात्मा ने कहा जो प्रतिक्रिया अपनाई जा रही है वो लोकतंत्र के बिल्कुल ख़िलाफ है। लोकतंत्र में शासक जनता का होता है, लेकिन जब जनता के प्रतिनिधियों के साथ ही यह अमल और यह रवैया है तो इसके बारे में यही कहा जा सकता है कि देश लोकतंत्र से डिक्टेटरशिप की तरफ जा रहा है।
सरकार और हॉस्पिटल होगा हर चीज का जिम्मेदार
गौरतलब हो कि बीते 14 जुलाई को तज़ीन फात्मा ने आजम खान (Azam Khan) को अस्पताल से 13 जुलाई को डिस्चार्ज किए जाने पर अपनी प्रतिकृया दी थी। तज़ीन फात्मा ने कहा था कि उन्हें सांस के अलावा और भी परेशानियां हैं ब्लड प्रेशर हाई हो जाता है और हार्ट की भी प्रॉब्लम है इसलिए उन्हें अभी इलाज की और जरूरत थी लेकिन मैं नहीं जानती हूं किन कारणों से या किस साजिश के तहत उन्हें मेदांता से जेल शिफ्ट किया गया और इतनी गोपनीय परिस्थितियों में कि हम परिवार वालों को भी कानो कान खबर नहीं मिली। उन्होने कहा था कि अगर उन्हे कुछ हुआ तो उसकी जिम्मेदार मेदांता और प्रशासन शासन होगी।