आजादी के अमृत महोत्सव एवं चौरी – चौरा शताब्दी समारोह के अंतर्गत कारगिल विजय दिवस के अवसर पर राज्य संग्रहालय, लखनऊ द्वारा संग्रहालय में संकलित अस्त्र – शस्त्रों की प्रदर्शनी का आयोजन किया गया। प्रदर्शनी का उद्घाटन महानिदेशक, उत्तर प्रदेश होमगार्ड श्री विजय कुमार द्वारा किया गया।
प्रदर्शनी के उद्घाटन समारोह का आरंभ कारगिल के शहीदों को श्रद्धांजलि के साथ हुआ। प्रदर्शनी के उद्घाटन समारोह के मुख्य अतिथि श्री विजय कुमार एवं संग्रहालय के निदेशक डॉ आनंद कुमार सिंह सहित उपस्थित अधिकारियों / कर्मचारियों एवं गणमान्य जन ने अमर शहीदों के योगदान को याद करते हुए कारगिल युद्ध के परमवीर चक्र विजेताओं के चित्रों पर श्रद्धा – सुमन अर्पित किए ।
प्रदर्शनी में ताम्र – पाषाणिक हथियारों से लेकर आधुनिक आग्नेयास्त्रों तक का प्रदर्शन रोचक ढंग से किया गया है। प्रदर्शित प्रमुख सामग्रियों में धनुष – बाण, शमशीरें, पत्ता, जुल्फिकार, खड्ग एवं खण्डा आदि तलवारों के साथ विविध प्रकार की कटारों,खुखरी, जमधर तथा आधुनिक आग्नेयास्त्रों यथा एकनाली व दोनाली बंदूक तथा तमंचा आदि का प्रदर्शन किया गया है ।
प्रदर्शनी के उद्घाटन समारोह के मुख्य अतिथि महानिदेशक, उत्तर प्रदेश होमगार्ड श्री विजय कुमार ने अपने संबोधन में कहा कि कारगिल युद्ध को ऑपरेशन विजय के नाम से भी जाना जाता है। भारतीय सेनाओं ने अपने पराक्रम से भारतीय सीमा में घुसपैठ करने वाली पाकिस्तानी सेना को खदेड़ कर 26 जुलाई 1999 को पूर्ण विजय प्राप्त की थी। तभी से कारगिल के वीरों का सम्मान प्रदान करने हेतु प्रत्येक वर्ष 26 जुलाई को कारगिल दिवस के रुप में मनाया जाता है। उक्त अवसर पर अमर शहीदों को श्रद्धांजलि देते हुए संग्रहालय के निदेशक ,डा.आनंद कुमार सिंह ने कहा कि आज की प्रदर्शनी के आयोजन का मुख्य उद्देश्य आम जनमानस को शौर्य व वीरता की भारतीय परंपरा से परिचित कराना है। इस प्रदर्शनी में इतिहास के विविध काल खंडों में प्रयुक्त अस्त्र – शस्त्रों को प्रदर्शित किया गया है।
इस अवसर पर राज्य संग्रहालय, उत्तर प्रदेश संग्रहालय निदेशालय तथा लोककला संग्रहालय की अधिकारी अलशाज फातमी, डॉ मीनाक्षी खेमका, डॉ विनय कुमार सिंह सहित अन्य कर्मचारीगण एवं गणमान्य उपस्थित रहे।