कानपुर के कारोबारी मनीष गुप्ता की हत्या के मामले में निलंबित और फरार चल रहे गोरखपुर के रामगढ़ ताल थाने के सभी छह पुलिसकर्मियों की गिरफ्तारी पर इनाम की राशि 25-25 हजार रुपए से बढाकर एक-एक लाख रूपये कर दी गयी है।
आधिकारिक सूत्रों ने शनिवार के शाम को बताया कि इस मामल के आरोपी इंस्पेक्टर जगत नारायण सिंह, एएसआई अक्षय कुमार मिश्रा, उपनिरीक्षक विजय यादव, उपनिरीक्षक राहुल दुबे, मुख्य आरक्षी कमलेश सिंह यादव और आरक्षी नागरिक पुलिस प्रशांत कुमार फरार है और इनकी गिरफ्तारी पर 25-25 हजार का इनाम घोषित किया गया था जो अब बढाकर एक-एक लाख रूपये कर दिया गया है।
इससे पूर्व कानपुर के प्रॉपर्टी डीलर मनीष गुप्ता की हत्या में आरोपित बनाए गए छह पुलिसवालों के अलावा होटल, थाना, मानसी हास्पिटल, मेडिकल कालेज में रहे पुलिसवालों के भी बयान दर्ज किए जा रहे हैं। एसआईटी ने इसके लिए नोटिस जारी किया है। नोटिस तामील होने के बाद ये पुलिस वाले एक एक कर एसआईटी के समक्ष अपना बयान दर्ज करा रहे हैं। उधर इनाम घोषित होने से पहले इंस्पेक्टर सहित फरार छह पुलिस कर्मियों की तलाश तेज हो गई है।
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गोरखपुर क्राइम ब्रांच की टीम व कानपुर की टीम आरोपितों की तलाश में दबिश डाल रही है। आरोपित कोर्ट में सरेंडर न करने पाएं। इसके लिए कोर्ट परिसर में भी निगरानी बढ़ा दी गई है।
गौरतलब है कि पिछले 27 सितम्बर की रात गोरखपुर जिले के रामगढ इलाके में एक होटल के कमरा नंबर 512 में मनीश गुप्ता की पहट पीट कर हत्या कर दी गयी थी। हत्या के बाद उसे हत्याआरोपियों ने इलाज कराने के नाम पर घंटें इधर उधर लेकर जाते रहे मगर रात में ही मेडिकल कालेज गोरखपुर के चिकित्सकों ने पुलिस के लाख प्रयास के बाद मृत घोषित कर दिया। घटना स्थल से लेकर मेडिकल कालेज और पोस्टमार्टम कराने के दौरान पंचनामा तैयार करने वाले पुलिसकर्मियों से भी पूछताछ करने की तैयारी अब और तेज कर दी गयी है।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इस घटना में ज्यादातर से बातचीत पहले भी हो चुकी है लेकिन नोटिस जारी कर अब आधिकारिक तौर पर बयान दर्ज किया जा रहा है। आरोपियों के तरफ से अभी तक किसी कोर्ट मे किसी के सरेंडर की अर्जी पडने की जानकारी अभी तक सामने नहीं आयी है।