• About us
  • Privacy Policy
  • Disclaimer
  • Terms & Conditions
  • Contact
24 Ghante Latest Hindi News
  • होम
  • राष्ट्रीय
    • उत्तराखंड
    • उत्तर प्रदेश
    • छत्तीसगढ़
    • हरियाणा
    • राजस्थान
  • राजनीति
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म
  • होम
  • राष्ट्रीय
    • उत्तराखंड
    • उत्तर प्रदेश
    • छत्तीसगढ़
    • हरियाणा
    • राजस्थान
  • राजनीति
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म
No Result
View All Result

गुप्त नवरात्रि का दूसरा दिन, आज करें तारा देवी की पूजा, पढ़े कथा

Writer D by Writer D
11/02/2024
in धर्म, फैशन/शैली
0
gupt navratri

gupt navratri

14
SHARES
176
VIEWS
Share on FacebookShare on TwitterShare on Whatsapp

गुप्त नवरात्रि (Gupt Navratri) का आज दूसरा दिन है। आज महाविद्या तारा देवी की पूजा अर्चना की जाएगी। तारा देवी को मां काली का स्वरुप बताया गया है।

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, तारा देवी श्मशान की देवी हैं। तारा देवी नर-मुंड की माला पहनती हैं और इन्हें तंत्र शास्त्र की देवी माना गया है। इनकी पूजा से सारे कष्ट मिट जाते हैं। तारा देवी के 3 रूप हैं- उग्र तारा, एकजटा और नील सरस्व। आइए जानते हैं तारा देवी की कथा….

तारा देवी की कथा:

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, देवी तारा की उत्पत्ति मेरु पर्वत के पश्चिम भाग में, चोलना नदी के तट पर हुई। हयग्रीव नाम के दैत्य के वध हेतु देवी महा-काली ने ही, नील वर्ण धारण किया था।

सर्वप्रथम स्वर्ग-लोक के रत्नद्वीप में वैदिक कल्पोक्त तथ्यों तथा वाक्यों को देवी काली के मुख से सुनकर, शिव जी अपनी पत्नी पर बहुत प्रसन्न हुए। शिव जी ने महाकाली से पूछा, आदि काल में अपने भयंकर मुख वाले रावण का विनाश किया, तब आश्चर्य से युक्त आप का वह स्वरूप ‘तारा’ नाम से विख्यात हुआ। उस समय, समस्त देवताओं ने आप की स्तुति की थी तथा आप अपने हाथों में खड़ग, नर मुंड, वार तथा अभय मुद्रा धारण की हुई थी, मुख से चंचल जिह्वा बहार कर आप भयंकर रुपवाली प्रतीत हो रही थी। आप का वह विकराल रूप देख सभी देवता भय से आतुर हो कांप रहे थे, आपके विकराल भयंकर रुद्र रूप को देखकर, उन्हें शांत करने के निमित्त ब्रह्मा जी आप के पास गए थे।

समस्त देवताओं को ब्रह्मा जी के साथ देखकर देवी, लज्जित हो आप खड़ग से लज्जा निवारण की चेष्टा करने लगी। रावण वध के समय आप अपने रुद्र रूप के कारण नग्न हो गई थी तथा स्वयं ब्रह्मा जी ने आपकी लज्जा निवारण हेतु, आपको व्याघ्र चर्म प्रदान किया था। इसी रूप में देवी ‘लम्बोदरी’ के नाम से विख्यात हुई। तारा-रहस्य तंत्र के अनुसार, भगवान राम केवल निमित्त मात्र ही थे, वास्तव में भगवान राम की विध्वंसक शक्ति देवी तारा ही थी, जिन्होंने लंका पति रावण का वध किया।

Tags: gupt navratri kathagupt navratri pujagupt navratri shubh muhurttara devi puja
Previous Post

एक छोटी सी चीज आपको बना सकती है मालामाल, आजमाएं ये उपाय

Next Post

संडे के नाश्ते में ले एग चिकन मुगलई पराठे का स्वाद

Writer D

Writer D

Related Posts

Gita Jayanti
धर्म

कब मनाई जाएगी गीता जयंती? नोट करें शुभ मुहूर्त

06/11/2025
Positive Energy
धर्म

इस हिस्से में लगाएं विंड चाइम, घर में होगी धन की बरसात

06/11/2025
Swastika
धर्म

इस दिशा में बनाएं स्वस्तिक चिन्ह, घर में होगा मां लक्ष्मी का आगमन

06/11/2025
hair
फैशन/शैली

सर्दियों में बालों को दें खास देखभाल, रखें इन बातों का ध्यान

06/11/2025
salt
फैशन/शैली

नमक से मिलेगा गजब का निखार, ऐसे करें इस्तेमाल

06/11/2025
Next Post
Egg Chicken Mughlai Paratha

संडे के नाश्ते में ले एग चिकन मुगलई पराठे का स्वाद

यह भी पढ़ें

Ramlala

हरिद्वार काशी पीठ ने रामलला को समर्पित किया सोना-चांदी

10/01/2023
cm yogi

सर्वाधिक कोविड टेस्टिंग करने वाला राज्य है उत्तर प्रदेश : सीएम योगी

30/07/2021
कोरोना संक्रमित निकला नवजात Corona infected newborn

बीआरडी मेडिकल कॉलेज : मां के गर्भ से कोरोना संक्रमित निकला नवजात, दोनों कोरोना वार्ड में भर्ती

18/10/2020
Facebook Twitter Youtube

© 2022 24घंटेऑनलाइन

  • होम
  • राष्ट्रीय
    • उत्तराखंड
    • उत्तर प्रदेश
    • छत्तीसगढ़
    • हरियाणा
    • राजस्थान
  • राजनीति
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म

© 2022 24घंटेऑनलाइन

Go to mobile version