• About us
  • Privacy Policy
  • Disclaimer
  • Terms & Conditions
  • Contact
24 Ghante Latest Hindi News
  • होम
  • राष्ट्रीय
    • उत्तराखंड
    • उत्तर प्रदेश
    • छत्तीसगढ़
    • हरियाणा
    • राजस्थान
  • राजनीति
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म
  • होम
  • राष्ट्रीय
    • उत्तराखंड
    • उत्तर प्रदेश
    • छत्तीसगढ़
    • हरियाणा
    • राजस्थान
  • राजनीति
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म
No Result
View All Result

अगर आप का बच्चा भी मोटापे का शिकार हो रहा हैं तो आजमाएं ये घरेलू उपाए

Writer D by Writer D
13/01/2022
in Main Slider, ख़ास खबर, फैशन/शैली, स्वास्थ्य
0
obesity

मोटापा

15
SHARES
176
VIEWS
Share on FacebookShare on TwitterShare on Whatsapp

मोटापा बच्चों में सबसे अधिक प्रचलित पोषण संबंधी विकार हैं, और भारत में लगभग 1.44 करोड़ बच्चे इससे प्रभावित हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, भारत में चीन के बाद सबसे ज्यादा मोटे बच्चे हैं, और भारत के 74 प्रतिशत किशोर निष्क्रिय हैं। बचपन का मोटापा भारत के साथ-साथ अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर एक लोक स्वास्थ्य प्राथमिकता हैं।

किसी व्यक्ति को मोटे लोगों की श्रेणि में तब माना जाता हैं,यदि उसका वजन, उसकी ऊंचाई और उम्र के लिए आदर्श वजन से 20 प्रतिशत अधिक हैं। इसका मूल कारण कैलोरी सेवन और ऊर्जा खर्च के बीच का असंतुलन हैं।

आज के समय में बच्चों में मोटापा सबसे बड़ी समस्या बनकर उभर रहा हैं। साइंस एडवांसेज़ में प्रकाशित ताज़ा रिसर्च में अमेज़ॉन क्षेत्र के बच्चों के खान-पान और जीवन शैली पर हुए अध्ययन में पाया गया हैं, कि बच्चे जितनी कैलोरी ले रहे हैं उसकी तुलना में खर्च नहीं कर पा रहे इसलिए उत्तर अमेरिका और ब्रिटेन सहित दक्षिण अमेरिकी देशों के बच्चे भी मोटापे का  शिकार हैं।

छोटे-छोटे बच्चे और खासकर टीनएजर इसकी चपेट में आ रहे हैं। ओबेसिटी यानी मोटापा अपने साथ कई गंभीर बीमारियों को लाता हैं। टीनएजर्स में मोटापे की कई वजहें हो सकती हैं। ज्यादातर टीनएजर अनुवांशिक, शारीरिक गतिविधियों की कमी और अनहेल्दी खाने के कारण मोटापे का शिकार होते हैं।

कुछ टीनएजर्स हार्मोनल परेशानियों के कारण मोटे हो जाते हैं। हालांकि इसके मामले कम होते हैं। मोटापा अगर किशोरावस्था के समय होता हैं, तो वयस्क होने पर भी समस्या बनी रहती हैं। यह तब होता हैं, जब टीनएज के समय की आदतों को जारी रखें और वजन कम करने पर ध्यान न दें। मोटापा बीमारियों का घर हैं। मोटापे से डायबिटीज, दिल की बीमारी और ऑस्टियोआर्थराइटिस जैसी बीमारी हो सकती हैं। साथ ही टीनऐज में मोटापे के कारण बच्चे अवसाद में भी आ सकते हैं।

पता लगाएं क्यों बढ़ रहा अपने बच्चे का मोटापा

अगर मोटापे ने घेर लिया हैं, तो सबसे पहले माता-पिता को बच्चों को यह समझाना होगा कि इस तथ्य को स्वीकारें कि वे मोटे हैं। किसी अच्छे डॉक्टर से संपर्क करें और बच्चे का बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) जानें। यह भी जानें कि उम्र और ऊंचाई के हिसाब से वजन कितना होना चाहिए। यदि किसी खास मेडिकल कंडिशन से जूझ रहे हैं, तो डॉक्टर को बताएं और उससे पूछें कि अपने सही वजन तक पहुंचने के लिए क्या करना चाहिए।

अगर किसी तरह की गलत मेडिकल कंडीशन नहीं हैं, और के कारण मोटापा बढ़ रहा हैं,तो सबसे पहले खाने-पीने पर ध्यान दें। बच्चों को प्रेरित करें कि वे हेल्दी डाइट लें और फास्ट फूड खाने से बचें। उन्हें जब भी भूख लगे तो सब्जियां, फल और मेवे खाने की आदत डालें, न कि बर्गर, पिज्जा या फ्रेंच फ्राइज। उन्हें पसंद हो वो फिजिकल एक्टिविटी करवाए जैसे जुम्बा या बेली डांस। रस्सी कूद, योग भी फायदेमंद होता हैं। बच्चों को प्रोत्साहित करने का सबसे अच्छा तरीका हैं, कि परिवार के साथ एक्सरसाइज करवाएं जिससे उन्हें यह काम फन भी लगेगा।

यह उम्र शरीर में बड़े बदलाव की ओर ले जाती हैं। इसलिए, अगर सही सावधानी नहीं बरती जाए, तो किशोरावस्था मोटापे से जुड़ी बीमारियों को जन्म दे सकती हैं। कई बार घर का वातावरण भी बच्चे में मोटापा बढ़ाने में सहायक होता हैं। बच्चा पौष्टिक आहार कम खाता है, फल वगैरह नहीं खाता और माता-पिता भी बच्चे की जिद के आगे झुक जाते हैं। नतीजा यही होता हैं,कि बच्चे की मांग के अनुरूप उसे खाने के लिए ऐसी वसायुक्त चीजें देने लगते हैं जो बच्चों के लिए नुकसानदायक होता हैं ।

यह भी ध्यान रखें कि किशोरावस्था में वजन घटाने के लिए सबसे जरूरी चीज हैं। सुबह का नाश्ता, दोपहर का खाना और रात का भोजन तीनों को समय पर नियमित रूप से लें। दिन में एक या दो बार स्नैक्स जरूर लें। अगर यह सोचते हैं कि ब्रेकफस्ट छोड़कर वजन में कमी लाई जा सकती है तो यह गलत है। बच्चों को डिनर जल्दी करने की आदत डालें और हल्का भोजन लिया जाना चाहिए।

क्या बच्चा देर रात तक जागता हैं

इन दिनों टीनएजर बच्चों की रातभर जागने की आदत हो गई हैं। आजकल इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स के साथ रातभर व्यस्त रहना आम बात हो गई हैं। लेकिन इससे उनके स्वास्थ्य पर कितना प्रतिकूल असर पड़ता हैं , इसका खुलासा यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया बर्कले में हुए एक शोध में हुआ। इसके मुताबिक अगर बच्चा रात भर जागता हैं, तो पांच सालों के अंदर उसके मोटापे का शिकार होने की आशंका बढ़ सकती हैं । शोध के मुताबिक वक्त पर सोने वाले टीनएजर जैसे जैसे बड़े होते हैं, उन पर मोटापा हावी नहीं होता। उनकी बॉडी शेप में बनी रहती हैं। इसलिए माता-पिता को इस बात का ख्याल रखना जरूरी हैं, कि उनका बच्चा रात भर जागता तो नहीं हैं।

Tags: 20 percent by weightchildhoodhealth are priorityheight and agemost prevalent among childrenobesity
Previous Post

पेट और कमर की चर्बी से छुटकारा पाने के लिए करें ‘मर्कट आसन’

Next Post

13 जनवरी राशिफल: इन राशिवालों के लिए आज का दिन है खास

Writer D

Writer D

Related Posts

Glowing Skin
Main Slider

खूबसूरती को बढ़ाएगा ये फूल, मिलेगा निखार

06/07/2025
Coconut Oil
फैशन/शैली

पार्टी से पहले मिनटों में बढ़ाए चेहरे का निखार, आजमाए यह फेसपैक

06/07/2025
Coconut Oil
फैशन/शैली

इन चीजों से निखरेगा स्किन, इस तरह करें यूज

06/07/2025
Henna
फैशन/शैली

बालों में पहली बार लगा रही है मेहंदी, जानें लगाने का सही तरीका

06/07/2025
Gorakshapeeth is an example of the ideal relationship between Guru and disciple
Main Slider

गुरुपूर्णिमा: गुरु शिष्य के आदर्शतम रिश्ते की मिसाल है गोरक्षपीठ

05/07/2025
Next Post
Zodiac

13 जनवरी राशिफल: इन राशिवालों के लिए आज का दिन है खास

यह भी पढ़ें

CM Yogi

वो लोग वीआईपी कल्चर की बात करते हैं, जो मुंह में चांदी का चम्मच लेकर पैदा हुए :सीएम

19/02/2025
Jitiya

नदी में डूबने से तीन भाइयों की मौत

26/05/2024
Varanasi

साल 2023 में पूर्वांचल का टॉप धार्मिक व टूरिस्ट डेस्टिनेशन बना वाराणसी

04/09/2024
Facebook Twitter Youtube

© 2022 24घंटेऑनलाइन

  • होम
  • राष्ट्रीय
    • उत्तराखंड
    • उत्तर प्रदेश
    • छत्तीसगढ़
    • हरियाणा
    • राजस्थान
  • राजनीति
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म

© 2022 24घंटेऑनलाइन

Go to mobile version