• About us
  • Privacy Policy
  • Disclaimer
  • Terms & Conditions
  • Contact
24 Ghante Latest Hindi News
  • होम
  • राष्ट्रीय
    • उत्तराखंड
    • उत्तर प्रदेश
    • छत्तीसगढ़
    • हरियाणा
    • राजस्थान
  • राजनीति
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म
  • होम
  • राष्ट्रीय
    • उत्तराखंड
    • उत्तर प्रदेश
    • छत्तीसगढ़
    • हरियाणा
    • राजस्थान
  • राजनीति
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म
No Result
View All Result

जानें कब है रामनवमी, शुभ मुहूर्त और पूजन विधि

Writer D by Writer D
08/04/2022
in धर्म, फैशन/शैली
0
Ram Navami

Ram Navami

14
SHARES
176
VIEWS
Share on FacebookShare on TwitterShare on Whatsapp

भगवान राम (Ramnavami) का जन्म चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को हुआ था. हर साल इस दिन को भगवान राम के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है.

भगवान राम का जन्म मध्याह्न काल के दौरान हुआ था जो हिंदू दिवस के मध्य में है. मध्याह्न जो छह घाटियों (लगभग 2 घंटे और 24 मिनट) तक चलता है, राम नवमी पूजा अनुष्ठान करने के लिए सबसे शुभ समय है.

मध्याह्न का मध्य बिंदु उस क्षण का प्रतीक है जब श्री राम का जन्म हुआ था और मंदिर इस क्षण को भगवान राम के जन्म के क्षण के रूप में दर्शाते हैं. इस दौरान श्री राम का जप और उत्सव अपने चरम पर पहुंच जाता है.

रामनवमी (Ramnavami) तारीख, शुभ मुहूर्त

भगवान राम का जन्मदिन मनाने का सही समय सुबह 11 बजे से दोपहर 1 बजे के बीच है.

राम नवमी रविवार, अप्रैल 10, 2022 को

राम नवमी मध्याह्न मुहूर्त – 11:06 सुबह से 01:39 दोपहर

अवधि – 02 घण्टे 33 मिनट्स

सीता नवमी मंगलवार, मई 10, 2022 को

राम नवमी मध्याह्न का क्षण – 12:23 दोपहर

नवमी तिथि प्रारम्भ – अप्रैल 10, 2022 को 01:23 सुबह बजे

नवमी तिथि समाप्त – अप्रैल 11, 2022 को 03:15 दोपहर बजे

रामनवमी पूजा विधि:

राम नवमी पूजा में सोलह चरण शामिल हैं जो षोडशोपचार (षोडशोपचार) राम नवमी पूजा विधि का हिस्सा हैं. डिटेल में जानें…

  1. ध्यानम: पूजा की शुरुआत भगवान राम के ध्यान से करनी चाहिए. ध्यान आपके सामने पहले से स्थापित भगवान राम की मूर्ति के सामने किया जाना चाहिए. भगवान श्री राम का ध्यान करते हुए निम्नलिखित मंत्र का जाप करना चाहिए.

कोमलक्षम विशालाक्षमिंद्रनिला सम्प्रभम।

दक्षिणंगे दशरथं पुत्रवेक्षनतत्परम्॥

पृष्टतो लक्ष्मणम् देवं सच्छत्रम् कनकप्रभम।

पार्श्व भरत शत्रुघ्नौ तलावृंतकरवुभौ।

अग्रव्यग्राम हनुमंतम रामानुग्रह कंक्षीणम

ओम श्री रामचंद्राय नमः।

ध्यानत ध्यानं समरपयामी

  1. आवाहनं : भगवान राम के ध्यान के बाद, मूर्ति के सामने आवाहन मुद्रा दिखाकर (दोनों हथेलियों को जोड़कर और दोनों अंगूठों को अंदर की ओर मोड़कर आवाहन मुद्रा बनती है). आवाहन करें.
  2. आसनम : भगवान राम का आह्वान करने के बाद, अंजलि (दोनों हाथों की हथेलियों को जोड़कर) में पांच फूल लें और उन्हें मूर्ति के सामने छोड़ दें. श्री राम को आसन अर्पित करें.
  3. पद्य : भगवान राम को आसन अर्पित करने के बाद उनके पैर धोने के लिए जल अर्पित करें.
  4. अर्घ्य : पद्य-अर्पण के बाद श्री राम का सिर अभिषेक करते हुए जल अर्पित करें.
  5. अचमनीयम : अर्घ्य के बाद अचमन के लिए श्री राम को जल अर्पित करें.
  6. मधुपर्क : आचमन के बाद श्री राम को शहद और दूध का भोग लगाएं.
  7. स्नानम : मधुपर्क अर्पण के बाद श्री राम को स्नान के लिए जल अर्पित करें.
  8. पंचामृत स्नान : स्नानम के बाद अब श्री राम को पंचामृत यानी दूध, दही, शहद, घी और चीनी के मिश्रण से स्नान कराएं.
  9. वस्त्र : अब श्री राम को नए वस्त्र के रूप में मोली (मोली) अर्पित करें.
  10. यज्ञोपवीत : वस्त्रार्पण के बाद श्री राम को यज्ञोपवीत अर्पित करें.
  11. गंध : यज्ञोपवीत चढ़ाने के बाद श्री राम को सुगंध अर्पित करें.
  12. पुष्पनी : गंधा चढ़ाने के बाद, भगवान राम को फूल चढ़ाएं.
  13. अथा अंगपूजा : अब उन देवताओं की पूजा करें जो स्वयं श्री राम के अंग हैं. उसके लिए बाएं हाथ में गंध, अक्षत और पुष्पा लें और उन्हें दाहिने हाथ से भगवान राम मूर्ति के पास छोड़ दें.
  14. धूपम : अंग पूजा के बाद श्री राम को धूप अर्पित करें.
  15. दीपम : धूपदान के बाद श्री राम को दीप अर्पित करें.
  16. नैवेद्य : दीप अर्पण के बाद श्री राम को नैवेद्य अर्पित करें.
  17. फलम : नैवेद्य चढ़ाने के बाद हुए श्री राम को फल अर्पित करें.
  18. तंबुलम : फल चढ़ाने के बाद, श्री राम को तंबुला (सुपारी के साथ पान) अर्पित करें.
  19. दक्षिणा : तंबुला चढ़ाने के बाद, श्री राम को दक्षिणा (उपहार) अर्पित करें.
  20. निरजन (नीराजन): अब श्री राम की निरंजन (आरती) करें.
  21. पुष्पांजलि : अब श्री राम को पुष्पांजलि अर्पित करें.
  22. प्रदक्षिणा : अब प्रतीकात्मक प्रदक्षिणा यानी श्री राम के बाएं से दाएं परिक्रमा को फूलों से करें.
  23. क्षमापन : प्रदक्षिणा के बाद, पूजा के दौरान की गई किसी भी ज्ञात-अज्ञात गलती के लिए श्री राम से क्षमा मांगें.
Tags: ramnavami 2022Ramnavami Celebrationramnavami muhurat
Previous Post

गोरखनाथ मंदिर हमला: आरोपी अब्बासी का होगा मनोवैज्ञानिक परीक्षण

Next Post

नवरात्रि के व्रत में बनाएं केले के चटपटे चिप्स

Writer D

Writer D

Related Posts

Dosa
Main Slider

मन मोह लेगी ये डिश, फिर इसके लिए हमेशा रहेंगे तैयार

20/09/2025
Shani
Main Slider

अगर सपने में दिखे शनिदेव, जानें इससे मिलने वाले संकेत

20/09/2025
Lice
Main Slider

बालों में पड़ गईं हैं जूं, इन नुस्खों से पाएं निजात

20/09/2025
Sabudana Rings
Main Slider

व्रत के लिए फलाहार में बनाएं साबूदाना रिंग्स, कम वक्त में ऐसे करे तैयार

20/09/2025
Pants
फैशन/शैली

ये पैन्ट्स आपको देंगी क्लासी और ट्रेंडी लुक

20/09/2025
Next Post
navratri 2020

नवरात्रि के व्रत में बनाएं केले के चटपटे चिप्स

यह भी पढ़ें

loot

ट्रक चालक को मार पीट कर 17 हजार लुटे, रिपोर्ट दर्ज

26/09/2021
steal

 भाजपा नेता के घर से लाइसेंसी रिवाल्वर समेत लाखों का माल चोरी

16/07/2022
AKTU

AKTU : यूपीएसईई एमसीए में कानपुर के हर्षित ओमर ने किया प्रदेश टॉप

15/10/2020
Facebook Twitter Youtube

© 2022 24घंटेऑनलाइन

  • होम
  • राष्ट्रीय
    • उत्तराखंड
    • उत्तर प्रदेश
    • छत्तीसगढ़
    • हरियाणा
    • राजस्थान
  • राजनीति
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म

© 2022 24घंटेऑनलाइन

Go to mobile version