हमीरपुर। उत्तर प्रदेश के हमीरपुर के जिला मजिस्ट्रेट (District Magistrate) ने एक मामले में जब फैसला सुनाया और आदेश की कॉपी अधिवक्ताओं को सौंपी तो सभी हैरत में पड़ गए। डीएम डॉ. चंद्रभूषण त्रिपाठी ने जिस फैसले को पढ़कर सुनाया और जो आदेश टाइप कराया, वह हिंदी या अंग्रेजी में नहीं, बल्कि संस्कृत में था। संस्कृत में दिए गए फैसले को अधिकतर लोग समझ नहीं सके और उसका ट्रांसलेशन कराते दिखाई दिए।
जिला मजिस्ट्रेट (District Magistrate) की अदालत में राठ तहसील इलाके स्थित कुम्हारिया के रहने वाले अनुसूचित जाति के किसान करण सिंह ने जमीन बेचने की अनुमति मांगी थी। इस पर सुनवाई करते हुए जिला मजिस्ट्रेट डॉ। चंद्रभूषण त्रिपाठी ने शुक्रवार को जब अधिवक्ताओं के सामने अपना फैसला सुनाया तो ज्यादातर लोगों को फैसला समझ में ही नहीं आया, क्योंकि जो फैसला जिला मजिस्ट्रेट पढ़कर सुना रहे थे, वह हिंदी या अंग्रेजी में नहीं, बल्कि संस्कृत में था।
जिला मजिस्ट्रेट (District Magistrate) ने संस्कृत में की है पीएचडी
फिलहाल जिला मजिस्ट्रेट की यह नई पहल लोगों को खूब पसंद आ रही है। हमीरपुर के जिला मजिस्ट्रेट डॉ. चंद्रभूषण त्रिपाठी ने संस्कृत से पीएचडी की है। उन्होंने संस्कृत भाषा में फैसले का आदेश जारी किया है। संस्कृत भाषा में यह आदेश प्रदेश में पहली बार दिया गया है, जो लोगों के बीच चर्चा का विषय बना हुआ है।