• About us
  • Privacy Policy
  • Disclaimer
  • Terms & Conditions
  • Contact
24 Ghante Latest Hindi News
  • होम
  • राष्ट्रीय
    • उत्तराखंड
    • उत्तर प्रदेश
    • छत्तीसगढ़
    • हरियाणा
    • राजस्थान
  • राजनीति
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म
  • होम
  • राष्ट्रीय
    • उत्तराखंड
    • उत्तर प्रदेश
    • छत्तीसगढ़
    • हरियाणा
    • राजस्थान
  • राजनीति
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म
No Result
View All Result

International Press Freedom Day: कलम की मजबूत धार, स्वस्थ लोकतंत्र का आधार

Writer D by Writer D
03/05/2023
in Main Slider, शिक्षा
0
World Press Freedom Day

World Press Freedom Day

14
SHARES
176
VIEWS
Share on FacebookShare on TwitterShare on Whatsapp

योगेश कुमार गोयल

हर साल 03 मई को ‘अंतरराष्ट्रीय प्रेस स्वतंत्रता दिवस’ (International Press Freedom Day) मनाया जाता है। प्रेस को सदैव लोकतंत्र के चौथे स्तंभ की संज्ञा दी जाती रही है, क्योंकि लोकतंत्र की मजबूती में इसकी बेहद महत्वपूर्ण भूमिका रही है। यही कारण है कि स्वस्थ और मजबूत लोकतंत्र के लिए प्रेस की स्वतंत्रता को बहुत अहम माना गया है। विडंबना यह है कि विगत कुछ वर्षों से प्रेस स्वतंत्रता के मामले में लगातार कमी देखी जा रही है। कलम की धार को तलवार से भी ज्यादा ताकतवर और प्रभावी इसलिए माना गया है क्योंकि इसी की सजगता के कारण न केवल भारत में बल्कि अनेक देशों में पिछले कुछ दशकों के भीतर बड़े-बड़े घोटालों का पर्दाफाश हो सका। इसके चलते तमाम उद्योगपतियों, नेताओं तथा विभिन्न क्षेत्रों के दिग्गजों को एक ही झटके में अर्श से फर्श पर आना पड़ा।

यही कारण हैं कि समय-समय पर कलम रूपी इस हथियार को भोथरा करने के कुचक्र होते रहे हैं और विभिन्न अवसरों पर न केवल भारत में बल्कि दुनियाभर में सच की कीमत कुछ पत्रकारों को अपनी जान देकर भी चुकानी पड़ी है। 03 दिसम्बर 1950 को देश के प्रथम प्रधानमंत्री पं. जवाहरलाल नेहरू ने कहा था- ‘‘मैं प्रेस पर प्रतिबंध लगाने के बजाय, उसकी स्वतंत्रता के बेजा इस्तेमाल के तमाम खतरों के बावजूद पूरी तरह स्वतंत्र प्रेस रखना चाहूंगा क्योंकि प्रेस की स्वतंत्रता एक नारा भर नहीं है बल्कि लोकतंत्र का एक अभिन्न अंग है।’’

पिछले कुछ दशकों में स्थितियां काफी बदल गई हैं। आज दुनियाभर में पत्रकारों पर राजनीतिक, आपराधिक और आतंकी समूहों का सर्वाधिक खतरा है। इस दौरान दुनियाभर के न्यूज रूम्स में सरकारी तथा निजी समूहों के कारण भय और तनाव में वृद्धि हुई है। पेरिस स्थित ‘रिपोर्ट्र्स सैन्स फ्रंटियर्स’ (आरएसएफ) अथवा ‘रिपोर्ट्स विदआउट बॉर्डर्स’ हर साल अपनी वार्षिक रिपोर्ट जारी करते हैं। ‘रिपोर्ट्स विदआउट बॉर्डर्स’ गैर-लाभकारी संगठन है। यह विश्वभर के पत्रकारों पर हमलों का दस्तावेजीकरण करने और मुकाबला करने के लिए कार्यरत है और प्रतिवर्ष ‘वर्ल्ड प्रेस फ्रीडम इंडेक्स’ अर्थात ‘विश्व प्रेस स्वतंत्रता सूचकांक’ प्रस्तुत करता है। ‘विश्व प्रेस स्वतंत्रता सूचकांक 2019’ में उसने भारत सहित विभिन्न देशों में प्रेस की स्वतंत्रता की स्थिति की विवेचना करते हुए स्पष्ट किया था कि किस प्रकार विश्वभर में पत्रकारों के खिलाफ घृणा हिंसा में बदल गई है, जिससे दुनियाभर में पत्रकारों में डर बढ़ा है।

2022 में उसकी रिपोर्ट में नार्वे ने प्रेस की आजादी के लिए पिछली बार की ही तरह पहला स्थान प्राप्त किया। भारत को 180 देशों में 150वां स्थान दिया गया। भारत इस रैंकिंग में पिछले वर्ष के मुकाबले आठ0 स्थान नीचे फिसला है। 2021 की रैंकिंग में भारत का स्थान 142वां था। 2022 के सूचकांक में प्रेस फ्रीडम, सरकारी दखलंदाजी और मीडिया की कार्यप्रणाली के अलावा सोशल मीडिया पर फैल रही फेक न्यूज तथा उसके प्रभावों पर भी ध्यान दिया गया है और रैंकिंग में प्रेस की पांच प्रकार की स्वतंत्रता को आधार बनाया गया है। पांचों क्षेत्रों में मिले अंकों के औसत के आधार पर ही सभी देशों की रैंकिंग निर्धारित हुई है।

इस आधार में प्रेस की राजनीतिक, आर्थिक, विधायिका, सामाजिक और सेकुलर स्वतंत्रता शामिल है। 2022 की रैंकिंग में भारत राजनीतिक स्वतंत्रता में 40.76 अंकों के साथ 145वें, आर्थिक स्वतंत्रता में 30.39 अंकों के साथ 149वें, लेजिस्लेटिव स्वतंत्रता में 57.02 अंकों के साथ 120वें, सामाजिक स्वतंत्रता में 56.25 अंकों के साथ 127वें और सेकुलर फ्रीडम में 20.61 अंकों के साथ 163वें स्थान पर है। हालांकि प्रेस स्वतंत्रता सूचकांक में भारत की स्थिति पड़ोसी देशों से बेहतर है। भारत के मुकाबले म्यांमार 176वें, चीन 175वें, बांग्लादेश 162वें, पाकिस्तान 157वें और अफगानिस्तान 156वें स्थान पर हैं।

भारत के लोकतंत्र को दुनिया का सबसे सफल और बड़ा लोकतंत्र कहा जाता है। ऐसे में अगर नार्वे जैसा छोटा सा देश प्रेस की स्वतंत्रता के मामले में शीर्ष स्थान पर है तो यह सोचने का विषय है। प्रेस की आजादी के मामले में अगर नेपाल और श्रीलंका जैसे पड़ोसी देश हमसे आगे हैं तो गंभीरता से मंथन करने की जरूरत है। प्रेस की स्वतंत्रता में कमी आने का सीधा और स्पष्ट संकेत है कि लोकतंत्र की मूल भावना में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का जो अधिकार निहित है, उसमें धीरे-धीरे कमी आ रही है।

भारतीय संविधान में प्रेस को अलग से स्वतंत्रता प्रदान नहीं की गई है बल्कि उसकी स्वतंत्रता भी नागरिकों की अभिव्यक्ति और स्वतंत्रता में ही निहित है और देश की एकता तथा अखंडता खतरे में पड़ने की स्थिति में इस स्वतंत्रता को बाधित भी किया जा सकता है। कल्पना की जा सकती है कि प्रेस की स्वतंत्रता अगर इसी प्रकार सवालों के घेरे में रही तो पत्रकार कैसे पारदर्शिता के साथ अपने कार्य को अंजाम देते रहेंगे? यह भी जरूरी है कि लोकतंत्र के चौथे स्तंभ को भी अपनी सीमा और मर्यादा में रहना होगा।

Tags: International Press Freedom DayInternational Press Freedom Day 2023
Previous Post

3 मई राशिफल: जानिए कैसा बीतेगा आज का दिन

Next Post

Niaky Chunav: पर्दानशीन महिलाओं की महिला कर्मचारी करेंगी पहचान, दिशा निर्देश जारी

Writer D

Writer D

Related Posts

Gang Rape
Main Slider

लखनऊ में 11वीं क्लास की छात्रा से गैंगरेप, 2 गिरफ्तार

11/10/2025
Deepotsav
Main Slider

दीपोत्सव में झलकेगा विकास का उजियारा, योगी सरकार की योजनाओं से निखरेगी अयोध्या

11/10/2025
CM Vishnudev Sai
Main Slider

नई योजनाओं से खेती-किसानी की बदलेगी तस्वीर…CM विष्णु देव साय ने पीएम का जताया आभार

11/10/2025
The family members of the deceased Hariom met CM Yogi.
Main Slider

बोली मृतक की पत्नी – बाबा सिर्फ आप ही कर सकते हैं दलितों की रक्षा

11/10/2025
SP leader Nizamuddin beats tractor driver
Main Slider

सपा नेता ने बीच सड़क पर ट्रैक्टर चालक को पीटा, बरसाए लाठी-डंडे

11/10/2025
Next Post
Voting

Niaky Chunav: पर्दानशीन महिलाओं की महिला कर्मचारी करेंगी पहचान, दिशा निर्देश जारी

यह भी पढ़ें

बेगलुरु ने टॉस जीतकर राजस्थान को दी बल्लेबाजी, दोनों टीमों में हुआ है बदलाव

29/09/2021
CM Sai

कांग्रेस ने कवर्धा को अशांत कर दिया, हिन्दू ध्वज और सनातनियों का अपमान किया: सीएम विष्णु देव साय

06/04/2024
Up Police Annual Athletics Competition

उप्र पुलिस वार्षिक एथलेटिक्स प्रतियोगिता सम्पन्न, DGP ने विजताओं को किया पुरस्कृत

21/03/2021
Facebook Twitter Youtube

© 2022 24घंटेऑनलाइन

  • होम
  • राष्ट्रीय
    • उत्तराखंड
    • उत्तर प्रदेश
    • छत्तीसगढ़
    • हरियाणा
    • राजस्थान
  • राजनीति
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म

© 2022 24घंटेऑनलाइन

Go to mobile version