हस्तरेखा (Palmistry) विज्ञान हथेली (Palm) के अध्ययन के माध्यम से भाग्य बताने की एक कला है। हस्तरेखा पढ़ने की इस विधि को काइरोमेंसी, काइरोलॉजी या कीरोलॉजी के रूप में भी जाना जाता है। हस्तरेखा शास्त्र में हाथ की रेखाओं के महत्व का वर्ण मिलता है। हथेली (Palm) पर मौजूद रेखाएं व्यक्ति के स्वभाव के साथ उसका भाग्य भी दर्शाती हैं। हथेली पर कई उभरे हुए स्थान होते हैं जिसे पर्वतों की संज्ञा दी गयी है। इन्हीं में से एक शनि पर्वत के आसपास मौजूद रेखाएं मनुष्य के व्यक्तित्व से जुड़े कई राज खोलती हैं। आइये जानते हैं इसके बारे में विस्तार से।
ऐसे निशान देते हैं शुभ संकेत
>> यदि शनि पर्वत पर चौकोर आकृति हो तो ये शुभता का संकेत देती है। ऐसे लोगों को जीवन में कम कष्ट भोगने पड़ते हैं।
>> शनि पर्वत पर खड़ी रेखा भाग्यशाली होने का प्रतीक होती है और ऐसे लोगों को जीवन में सफलता प्राप्त होती है।
>> अगर शनि पर्वत पर दो खड़ी रेखा मौजूद हैं तो ये दर्शाता है कि व्यक्ति जीवन में बड़े मुकाम हासिल करेगा।
>> यदि शनि पर्वत पर सीढ़ीनुमा संरचना है तो यह अमीर होने का संकेत है।
क्रॉस का निशान देता है ये संकेत
>> हस्तरेखा शास्त्र के अनुसार यदि शनि पर्वत पर क्रॉस का निशान है तो ये अशुभ माना जाता है।
>> क्रॉस का निशान इस बात का संकेत देता है कि व्यक्ति किसी दुर्घटना का शिकार हो सकता है या असमय मौत हो सकती है।
>> यदि क्रॉस का चिह्न मध्य भाग में हो तो ऐसा व्यक्ति चिड़चिड़े और गुस्सैल स्वभाव का होता है। साथ ही वह जिंदगी भर संघर्ष करता रहता है और सफलता हाथ नहीं लगती है।
>> यदि किसी व्यक्ति के हाथ में शनि क्षेत्र पर मौजूद क्रॉस चिह्न भाग्य रेखा तक जा रहा हो तो ऐसा व्यक्ति को जोखिम भरी जगह से बचना चाहिए।
>> इसी तरह शनि पर्वत पर तारे का निशान भी शुभ नहीं माना जाता है। ऐसे लोग किसी कारण से जेल जा सकते हैं।