आयकर विभाग ने इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) भरने के लिए ऑनलाइन आईटीआर-3 फॉर्म जारी कर दिया है. जिन टैक्सपेयर्स की इनकम कारोबार या पेशे से होती है, उन्हें आईटीआर-3 फॉर्म भरना जरूरी होता है. आईटीआर भरने की आखिरी तारीख 31 जुलाई 2023 है. टैक्सपेयर्स तमाम तरह के झंझटों से बचने के लिए समय रहते अपना इनकम टैक्स रिटर्न फाइल कर दें. इस काम के लिए अंतिम तारीख का इंतजार न करें. वरना तय तिथि तक रिटर्न न भरने पर भारी भरकम जुर्माना चुकाना पड़ सकता है.
आईटीआर दाखिल करने की समय सीमा नजदीक आ रही है, ऐसे में इनकम टैक्स विभाग ने अपनी ऑफिशियल वेबसाइट पर ऑनलाइन आईटीआर-3 फॉर्म जारी किया है. आयकर विभाग ने पहले ही आईटीआर-2, आईटीआर-1 और आईटीआर-4 के लिए ऑनलाइन फॉर्म उपलब्ध करा दिए थे. लोगों के लिए 7 आईटीआर फॉर्म हैं, आईटीआर 1, आईटीआर 2, आईटीआर 3, आईटीआर 4, आईटीआर 5, आईटीआर 6 और आईटीआर 7.
ITR-3 का उपयोग एक व्यक्ति या एक हिंदू डिविडेंट फैमिली की ओर से किया जाता है, जिसकी इनकम “कारोबार या पेशे के लाभ” के तहत होती है और जो फॉर्म ITR-1, ITR-2, आईटीआर-4 फाइल करने के लिए पात्र नहीं है.
ITR-3 फॉर्म भरने के तरीके
डिजिटल सिग्नेचर के तहत इसे इलेक्ट्रॉनिक रूप से फाइल करके आईटीआर-3 फॉर्म भर सकते हैं.
ऑनलाइन वेरिफाइड कोड के तहत इलेक्ट्रॉनिक रूप से ITR-3 फॉर्म में डेटा को कम्युनिकेट करके आईटीआर-3 फॉर्म भर सकते हैं
ITR-3 फॉर्म में डेटा को इलेक्ट्रॉनिक रूप से ट्रांसमिट करके, इसके बाद रिटर्न फॉर्म ITR-V में रिटर्न वेरिफिकेशन को मेल के जरिए इनकम टैक्स ऑफिस में जमा करना.
ITR दाखिल करने की समय सीमा
फाइनेंशियल ईयर 2022-23 या आंकलन वर्ष 2023-24 के लिए इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) दाखिल करने की आखिरी तारीख 31 जुलाई 2023 है. ITR को निर्धारित तारीख तक दाखिल किया जाना चाहिए, जिसका पालन न करने पर 1000 से लेकर 5000 रुपए तक जुर्माना लगेगा. सभी आईटीआर हर किसी के लिए उपयुक्त नहीं होते हैं, इसलिए यह जानना जरूरी है कि इनमें से कौन सा फॉर्म उन पर लागू होता है. केवल नोटिफाइड आईटीआर फॉर्मों को देखने से मदद मिल सकती है.
फॉर्म 16 कब किया जाता है जारी
अपने आईटीआर दाखिल करने की प्रक्रिया शुरू करने के लिए अपने फॉर्म 16 का इंतजार कर रहे सैलरीड कर्मचारी को आज या कल इसे प्राप्त करना चाहिए. एक एम्प्लॉयर की ओर से जारी किए गए फॉर्म 16 के दो भाग होते हैं. पार्ट A और पार्ट B. पार्ट A में एम्प्लॉयर की ओर से काटे गए कुल टैक्स शामिल होते हैं, जबकि पार्ट B में फाइनेंशियल ईयर के दौरान कर्मचारी को दिए गए ग्रॉस सैलरी और अन्य भत्ते शामिल होते हैं.