• About us
  • Privacy Policy
  • Disclaimer
  • Terms & Conditions
  • Contact
24 Ghante Latest Hindi News
  • होम
  • राष्ट्रीय
    • उत्तराखंड
    • उत्तर प्रदेश
    • छत्तीसगढ़
    • हरियाणा
    • राजस्थान
  • राजनीति
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म
  • होम
  • राष्ट्रीय
    • उत्तराखंड
    • उत्तर प्रदेश
    • छत्तीसगढ़
    • हरियाणा
    • राजस्थान
  • राजनीति
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म
No Result
View All Result

जीवन की आपाधापी में क्या जी रहे हैं हम?

Writer D by Writer D
23/08/2023
in फैशन/शैली
0
Life

What are we living in this rush of life?

14
SHARES
176
VIEWS
Share on FacebookShare on TwitterShare on Whatsapp

आज के अशांत युग में शांति परमावश्यक है। कल कारखानों के शोर, यातायात के साधनों का शोर, जीवन (Life) की आपाधापी आज बाहरी तथा भीतरी अशांति को जन्म दे रही है। इसके कारण तनाव, डिप्रेशन का जन्म हो रहा है। प्रकृति की हरियाली व शांत प्राकृतिक दृश्यों की कमी लोग अनुभव करने लगे हैं। नगरों से दूर लोग ग्रामीण शांत वातावरण में रहना पसंद करने लगे हैं। यह मनःस्थिति शांति की उपयोगिता को प्रदर्शित करती है। आज हम जिस समय में रह रहे हैं वह अनेक तरह से विलक्षण है। देखा जाए तो हर समय अनूठा होता है। लेकिन आज का दौर विशेष तौर पर आपाधापी, जीवन संघर्ष, कटुताओं, वैचारिक संकीर्णताओं, निराशा, हताशा जैसे अवसादों से भरा है। आज के इस आपाधापी भरे जीवन (Life) में अपना अस्तित्व बनाए रखना और अपनी जमीन पर खड़े रहना पहले से ज्यादा चुनौतीपूर्ण हो गया है। समय के साथ बढ़ती हमारी अपेक्षाएं और आकांक्षाएं व जरूरतें हमें दिन-रात परेशान करती रहती है। जो है वह खूबसूरत है हमने कब ये सोचा? सादगी की अवधारणाएं अब कहीं कूड़े में जा चुकी है। हमारी जितनी जरूरत है उतना हमारे पास हैं फिर भी हम संतुष्टि भरा जीवन नहो जी पा रहे हैं और यह असंतोष ही हमें लगातार भागने के लिए विवश करता है। हमें यह कतई सहन नहीं होता कि कोई हमसे आगे निकल जाए और इस दौड़ में हम उस सुख को जीना भूल जाते हैं जो ईश्वर ने हमें दिया है। यही कारण है कि हमारा तनाव बढ़ता है और रक्तचाप उच्च स्तर पर जाता है। जीवन की आपाधापी में हमें कुछ देर कहीं बैठकर सोचने का वक्त ही नहीं मिला कि क्या सही है और क्या गलत?

जब हम अपने युवा जीवन (Life)  की शुरुआत करते हैं तो, हमारा मन सबकुछ पाने को लालायित रहता है। हमें पैसे के साथ साथ नाम कमाने की भी चाह होती है। ये चाहत काफी हद तक सही भी है। पर, इसके चक्कर में परिवार और अपनी खुशियों को अहमियत न देना गलत है। अपनी जिम्मेदारियों और अपनी खुशियों के साथ समझौता किसी भी हाल में सही नहीं हो सकता। जीवन में आपका पैसा और नाम कमाना या कामयाब इंसान बनना जितना जरुरी है उतना ही जरुरी छोटी छोटी खुशियों को महसूस करना भी है। अगर आप इन पलों को भूलकर बस आगे बढ़ने में लगे हैं तो आपको एक दिन इस बात का दुःख जरूर होगा की मैंने क्या कुछ खोया थोड़ा सा पाने के चक्कर में? जिन स्थितियों से तनाव उत्पन्न होता है उनसे अशांति मिलती है । आधुनिक शोधों से ज्ञात होता है कि लगभग पचहत्तर प्रतिशत रोगों का कारण तनाव होता है। आज हम बिना ठहरे बस भागते जा रहे हैं, भागते जा रहे हैं। और यही कारण है कि हमारे जीवन में एक दौर ऐसा आता है जब हम निराश और उदास लोगों से गिर जाते हैं। हमें लगता है कि कोई भी अपनी वर्तमान स्थिति से संतुष्ट नहीं है। आज जो हमें मिला है वह अपर्याप्त है। क्या कभी हम दूसरे कोण पर भागती हमारी जिंदगी का पहले कोण से मुआयना कर पाएंगे। अब सोचिए।।। क्या हमारे जीवन (Life) में उदासी और अवसाद का यह दौर ऐसे ही चलता रहेगा? क्या हमारे जीवन में कभी सकारात्मकता नहीं आएगी? यहां सकारात्मक होने का मतलब यह नहीं है कि जो गलत है उसे हम बेवजह सकारात्मकता के लिफाफे में लपेटकर स्वीकार करें। गलत को गलत ही कहा जाना चाहिए और उसका विरोध भी होना चाहिए। लेकिन हमें अनावश्यक नकारात्मकता से बचना चाहिए। मैं आज के समाज में और विशेष रूप से सोशल मीडिया के इस युग में देखती हूं कि हम चीजों को बिना जाने, बिना मामले की तह में पहुंचे किसी की आलोचना, निंदा करने और घटिया शब्दों का प्रयोग करने से भी नहीं बाज आते। क्या यह आपके नजरिए से सही है?

अगर हम तुरंत किसी बात का जवाब न दे तो क्या दुनिया लुट जाएगी? क्या हम थोड़ी देर सोच विचार कर, पूरी घटना को समझ कर, अच्छे और सभ्य तरीके से शालीनता से किसी बात का जवाब नहीं दे सकते। इतनी जल्दबाजी आखिर क्यों? सोशल मीडिया की शुरुआत हमारी घटती जा रही सामाजिकता की क्षतिपूर्ति के लिए हुई होगी। क्योंकि आज हम गांव में बरगद और पीपल तले चौपाल नहीं देख पा रहे। कारण यही की आज की दुनिया बहुत बदल गई है। लोगों की व्यवस्थाएं और वयस्तताएँ बढ़ गई है। मिलना-जुलना दूभर हो रहा है। ऐसे में अगर हम आमने-सामने नहीं तो आभासी रूप से ही मिले यही सोचकर सोशल मीडिया ने इस युग में पांव रखें लेकिन धीरे-धीरे इसी सोशल मीडिया ने हमारे सामाजिक ताने-बाने को तहस-नस कर दिया। हमारी अपेक्षाएं आए दिन बढ़ने लगी और इसका दुरुपयोग होना शुरू हो गया। परिणाम यह हुआ कि सोशल मीडिया राहत की बजाय हमारे लिए तनाव का कारण बन गई। आज हम दुखी रहते हैं जब लोग हमें मित्रता सूची से हटा देते है या ब्लॉक कर देते हैं। हमें गुस्सा आता है जब लोग हमें गुड मॉर्निंग, गुड इवनिंग के संदेश भेजकर आए दिन परेशान करते हैं। हमें दुख होता है जब लोग हमारी पोस्ट को हमारे अनुसार लाइक नहीं करते या हमारा तनाव तब बढ़ जाता है जब एक लॉक्ड प्रोफाइल से हमारे पास फ्रेंड रिक्वेस्ट आती है। हम सोशल मीडिया पर ही आज राजनीतिक और धार्मिक विचारों को लेकर उलझ रहे हैं। कभी किसी की पोस्ट से इतना गुस्सा हो जाते हैं कि हम भाषा की शालीनता भूल जाते हैं। अगर हम इस दौरान किसी को रोक-टोक या समझाने का प्रयत्न करें तो सामने वाला हमें ही भला- बुरा कहने लग जाता है। परिणामस्वरुप हमारे व्यवहार से दुखी होकर हमें फ्रेंड लिस्ट से बाहर कर दिया जाता है या ग्रुप छोड़ने के लिए कहा जाता है।

तनाव से शांति के अभाव की स्थिति ज्ञात होती है। अनेक ऐसी बातें हैं जो आज हमारे लिए तनाव का कारण बन गई है। बदलते दौर में हम सब इन बातों की अनदेखी भी नहीं कर सकते। सोचिए कितनी बड़ी दुनिया में आपको इतना अधिक अपना मानता है और आप अपनी बात पर इस तरह सोचने को तैयार नहीं तो टैग करने वालों के लिए आप चुपचाप अपने दरवाजे बंद कर दीजिए। आखिर तनाव पालने का कारण क्या है? अगर कोई आपको आए दिन सुबह-सुबह गुड मॉर्निंग, शाम को गुड इवनिंग, भगवान और फूलों की तस्वीर आदि भेज रहा है तो आप इस बात का अवलोकन कीजिए कि सामने वाला आपको कितना अधिक चाहता है और हर सुबह वह आपको याद करता है। आप उनकी दुआओं में शामिल है और आप अगर इस बात को फिर भी समझना नहीं चाहते तो उसके संदेश को अनदेखा कर दीजिए। यह तो आपके हाथ में है कि आप अपने लेवल पर उसको ब्लॉक कर सके। उनसे कटु और कर्कश बहस में उलझने की बजाय आप चुपचाप उन्हें अपने मित्र सूची से विदा कर सकते हैं। ऐसा करने से आप आज के इस तनाव भरे दौर में खुद के तनाव से बच सकेंगे। बदलते युग में आज दुनिया धुर्वीकरण का शिकार हो रही है। हम सामने वाले पक्ष को स्वीकार करना तो दूर उसे सुनने और सहन करने के लिए भी तैयार नहीं है। हमारी भाषा जल्दी ही मर्यादा लांघ जाती है जिसकी वजह से हमारे रिश्ते खराब होते हैं। हम ऐसी अप्रिय स्थितियों से बच सकते हैं जब हम यह उम्मीद ना करें कि आपको सुनकर दूसरा अपना पक्ष बदल लेगा। पक्ष न आप बदलेंगे न सामने वाला बदलेगा तो फिर इसकी कोशिश भी क्यों की जाए। हम अपने विचार के साथ और सामने वाला उसके विचार के साथ चैन से रहें यही सुखदाई है। आप किसी भिन्न विचार वाले की वाल पर जाकर उसे क्यों कोसते हैं?

अगर कोई आपकी वाल पर आकर ऐसा करें तो विचार करें कि उस से युद्ध करना आपके हित में है या अनदेखा करना। एक बात आप जरूर समझ लें कि अपने विचार और अपनी सोच को लेकर इतने ज्यादा देर हो जाए कि उसमें जरा भी बदलाव हो इसकी संभावनाएं पूरी तरह खत्म हो गई है फिर बहस क्यों की जाए? हम सब के हित में यही है कि हम चैन से रहें और दूसरों को भी चैन से रहने दे। जीवन की आपाधापी में हम ये जान लें कि हमारा कोई भी पल आखिरी हो सकता है इसलिए हर पल को बिना किसी अहंकार के सच्चे मन से ‘सर्वे भवन्तु सुखिन:’ के भाव से जिए।

Tags: motivational quotesMotivational thoughts
Previous Post

4 हैंड ग्रेनेड मिलने से मचा हड़कंप, जांच में जुटी पुलिस

Next Post

मकान में मिला अधजला शव

Writer D

Writer D

Related Posts

Kashmiri halwa.
Main Slider

इस स्वीट डिश से कराएं मेहमानों का मुंह मीठा, झटपट हो जाएगी तैयार

09/11/2025
chilli pickle
Main Slider

इस अचार के बिना अधूरा लगता है पराठा, 5 मिनट में हो जाएगा तैयार

09/11/2025
Curtains
फैशन/शैली

सर्दियों में इस तरह करें पर्दो के रंग का चुनाव, मिलेगा आकर्षक लुक

09/11/2025
Bees
Main Slider

घर में मधुमक्खियों ने डाल लिया हैं डेरा, निजात पाने के लिए आजमाए ये उपाय

09/11/2025
Maa Lakshmi
Main Slider

घर में इस समय प्रवेश करती हैं माता लक्ष्मी, भूलकर भी न करें ये गलतियां

09/11/2025
Next Post
Dead Body

मकान में मिला अधजला शव

यह भी पढ़ें

किसानों को मिली बड़ी उपलब्धि, पहली बार ईरान निर्यात किया गया केला

16/10/2021
mirchi arrested

पुलिस टीम पर हमला करने वाला शातिर बदमाश ‘मिर्ची’ मुठभेड़ में गिरफ्तार

26/05/2021

सिद्धार्थ विश्वविद्यालय में हुआ सामूहिक रुद्राभिषेक

26/02/2025
Facebook Twitter Youtube

© 2022 24घंटेऑनलाइन

  • होम
  • राष्ट्रीय
    • उत्तराखंड
    • उत्तर प्रदेश
    • छत्तीसगढ़
    • हरियाणा
    • राजस्थान
  • राजनीति
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म

© 2022 24घंटेऑनलाइन

Go to mobile version