मथुरा। श्रीकृष्ण जन्माष्टमी (Janmashtami) पर कान्हा की जन्मभूमि पर आने वाले लाखों श्रद्धालु इस बार ठाकुर जी (Thakur ji) का अनूठा श्रंगार देखेंगे।
श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान के सचिव कपिल शर्मा के अनुसार भगवान श्रीकृष्ण की जन्मभूमि आने वाले तीर्थयात्री रजत कमल पुष्प में न केवल ठाकुर (Thakur ji) का प्राकट्य देख सकेंगे बल्कि स्वर्णमण्डित रजत कामधेनुस्वरूपा गौ प्रतिमा द्वारा ठाकुर का प्रथम अभिषेक देख सकेंगें किंतु इससे पहले मोर्छलासान में विराजमान होकर अभिषेक स्थल पर चल विगृह का दर्शन भी कर सकेंगे। इस बार सोमनाथ पुष्प बंगले में ठाकुर जी को विराजमान करने की व्यवस्था भी की गई है। कान्हा का अभिषेक श्रीकृष्ण जन्मस्थान न्यास के अध्यक्ष महन्त नृत्य गोपालदास की अध्यक्षता में 7 सितंबर को होगा।
सचिव शर्मा के अनुसार 20 घंटे से अधिक समय तक ठाकुर के पट खुले रहेंगे। इस बार ऐसी व्यवस्था की जाएगी कि श्रद्धालुओं को दर्शन करने में किसी प्रकार की परेशानी न हो। जन्माष्टमी (Janmashtami) की शुरूवात 7 सितंबर को प्रातः साढे पांच बजे शहनाई वादन एव ढोल तथा नगाड़ो की बुलन्द आवाज से होगी। इसके बाद अभिषेक का कार्यक्रम एक घंटे से अधिक देर तक वैदिक मंत्रों के मध्य होगा। अभिषेक का चरणामृत उस समय श्रीकृष्ण जन्मस्थान परिसर में मौजूद सभी भक्तों में वितरित किया जाएगा। प्रातः दस बजे से श्रद्धा कार्यक्रम होगा जिसमें देश के जाने माने कलाकार अपनी स्वरलहरी और वाद्य यंत्र के माध्यम से ठाकुर (Thakur ji) के श्रीचरणों में अपनी भवांजलि प्रस्तुत करेंगें तो जाने माने संतों का इस अवसर पर प्रवचन होगा।
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सचिव शर्मा के अनुसार अभिषेक का कार्यक्रम जनमाष्टमी की रात 12 बजकर 5 मिनट से 12 बजका 20 मिनट तक चलेगा तथा इसके बाद कान्हा का जन्म महाअभिषेक 12 बजकर 40 मिनट तक चलेगा। इसके बाद श्रृंगार आरती 12 बजकर 50 मिनट तक होगी तथा दर्शन खुले रहेंगे। शयन आरती 1 बजकर 25 मिनट से डेढ बजे तक होगी और इसके बाद दर्शन बंद हो जाएंगे। उन्होंने बताया कि जन्माष्टमी पर जन्मस्थान आनेवाले प्रत्येक भक्त को प्रसाद दिया जाता है। इस बार भी निकास द्वारों पर इसकी व्यवस्था की जाएगी। चूंकि आनेवाले भक्तों की संख्या लाखों में होती है इसलिए खराब न होनेवाले प्रसाद का बनना अभी से शुरू हो गया है।
उधर श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान के सदस्य गोपेश्वरनाथ चतुर्वेदी ने बताया कि इस बार जन्मस्थान आनेवाले तीन प्रमुख मार्गों पर तीर्थयात्रियों का सामान रखने की व्यवस्था की गई है। तीर्थयात्रियों को सलाह दी गई है कि वे इलेक्ट्रानिक सामान अपने ठहरने के स्थान पर ही रखकर दर्शन के लिए आएं। सामान रखने के स्थान पर जिला स्वास्थ्य विभाग द्वारा चिकित्सा की भी व्यवस्था की जाएगी।आयुर्वेद भवन प्रांगण में खोया पाया केन्द्र बनाया जाएगा। जन्मस्थान की सजावट का काम शुरू हो गया है तो श्रीकृष्ण संकीर्तन मण्डल द्वारा आज से ही एक सप्ताह तक सभी भक्तों के लिए भंडारे की व्यवस्था की गई है। कुल मिलाकर श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान द्वारा इस बार व्यवस्थाओं को पिछले साल की अपेक्षा और बेहतर बनाने का प्रयास किया जा रहा है।