अधिकतर लोग कुछ भी खाने से पहले उसे पचाने के बारे में सोचते हैं। उन्हें सबसे बड़ी टेंशन यही रहती है कि जो चीज वो खा रहे हैं वह आसानी से पचेगी या नहीं। वैसे भी पाचन का मामला काफी संवेदनशील होता है। आज हम आपको एक ऐसी रेसिपी बताने जा रहे हैं जो डाइजेशन के लिहाज से बहुत शानदार है या फिर कह सकते हैं कि यह रामबाण औषधि है। ये है कांजी वडा (Kanji Vada)। चाहे आपने कितनी भी भारी-भरकम डाइट ली हो यह डिश उसे पचाने में जबरदस्त कारगर है। यह ऐसा पकवान है जो स्वादिष्ट और चटपटा होने के साथ हाजमे को भी दुरुस्त रखता है।
कांजी (Kanji) बनाने की के लिए सामग्री
पानी : 2 लीटर
राई : 4 टेबल स्पून (बारीक पिसी हुई)
हल्दी : 1 छोटी चम्मच
लाल मिर्च पाउडर : 1 छोटी चम्मच
हींग : ½ चुटकी
सरसों का तेल : 2 छोटी चम्मच
नमक : स्वादानुसार
वडे (Vada) बनाने के लिए सामग्री
मूंग की दाल – 1 कप (भीगी हुई)
नमक – स्वादानुसार
हींग – ½ चुटकी
तेल – तलने के लिए
कांजी वडा (Kanji Vada) बनाने की विधि
– हम पहले कांजी तैयार करेंगे। कांच के बर्तन को अच्छे से धोकर धूप में सुखा लें।
– इसके बाद इसमें पहले से पिसी राई, हल्दी पाउडर, लाल मिर्च पाउडर, हींग, नमक और सरसों का तेल डाल दें।
– इसके साथ ही इसमें पानी भी डालें। अब चमचे से इन मसालों को 5 मिनट तक मिला लें।
– बाकी बचे पानी को भी इसमें डालकर मिला लें। कांच के डिब्बे को बंद कर दें।
– इसे किसी गरम तापमान वाली जगह पर रख दें और रोज चमचे से चला दें। 3-4 दिन में कांजी खट्टी हो जाएगी।
– अब कांजी वडा की बारी है। सबसे पहले वडे बना लें। वडे के लिए दाल को पानी से अच्छे से धोकर साफ कर लें।
– अब इस दाल को कम से कम 4 घंटे के लिए पानी में भिगोकर रख दें ताकि दाल अच्छे से फूल जाए।
– बाद में दाल का अतिरिक्त पानी निकाल दें। अब दाल को मिक्सी में डालकर दरदरा पीस लें।
– जब दाल पिस जाए तो इसे एक बर्तन में निकाल लें। बाकी की दाल को भी ऐसे ही पीस लें।
– जब सारी दाल पिस जाए तो इसमें नमक व हींग डालकर अच्छे से मिला लें। चमचे से मिलाते हुए 5 मिनट तक फेंटें।
– दाल को तब तक फेंटना है जब तक कि यह फूली हुई नहीं दिखे। कड़ाही में तेल डालकर चढ़ाएं।
– अब हाथ में वडे का मिश्रण लेकर इसे कड़ाही में डालें और तल लें। दोनों साइड से अच्छे से तल जाए तो इसे बाहर निकाल लें।
– सारे वडों को ऐसे ही तल कर निकाल लें। वडों को पहले से ही तैयार कांजी में डालकर कम से कम आधे घंटे के लिए छोड़ दें।
– इसके बाद जब वडे, कांजी में फूलकर अच्छे से तैयार हो जाएं तो इसे (Kanji Vada) सर्व करें।