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इस दिन रखा जाएगा भाद्रपद का दूसरा प्रदोष व्रत, जानें पूजन विधि

Writer D by Writer D
21/09/2023
in Main Slider, धर्म, फैशन/शैली
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Pradosh Vrat

Pradosh Vrat

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हिन्दू पंचांग के अनुसार, माह में 2 प्रदोष व्रत ( Pradosh Vrat) रखे जाते हैं, एक शुक्ल पक्ष में और दूसरा कृष्ण पक्ष में रखा जाता है। भाद्रपद मास का दूसरा और अंतिम प्रदोष व्रत, शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को रखा जाएगा। शिवभक्तों के लिए प्रदोष व्रत का खास महत्व होता है। इस दिन भगवान शिव की पूजा से भोलेनाथ प्रसन्न होते हैं और भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं।

बुधवार के दिन पड़ने वाले प्रदोष व्रत ( Pradosh Vrat) को बुध प्रदोष व्रत या सौम्यवारा प्रदोष भी कहा जाता है। मान्यता है कि बुध प्रदोष व्रत से सभी कामनाएं पूर्ण होती हैं। इस व्रत में हरी वस्तुओं का प्रयोग करना चाहिए। आइये जानते हैं व्रत की तिथि और पूजा विधि…

प्रदोष व्रत ( Pradosh Vrat) तिथि

इन महीने शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि 27 सितंबर, बुधवार की सुबह 1 बजकर 45 मिनट से शुरू होगी और रात 10 बजकर 28 मिनट तक चलेगी। उदया तिथि के अनुसार इस चलते बुध प्रदोष व्रत ( Pradosh Vrat) 27 सितंबर के दिन रखा जाएगा। प्रदोष व्रत में भगवान शिव की पूजा शाम के वक्त की जाती है।

पंचांग के अनुसार, इस दिन प्रदोष काल, शाम 6 बजकर 12 मिनट से रात 8 बजकर 36 मिनट तक रहेगा। इस अवधि में भोलेनाथ की पूजा बहुत फलदायी मानी जाती है। उस दिन रवि योग भी बन रहा है, जो सुबह 07 बजकर 10 मिनट से शुरू हो रहा है और शाम 07 बजकर 07 मिनट तक रहेगा। उस दिन पंचक पूरे दिन है, लेकिन उसका कोई दुष्प्रभाव व्रत और पूजा पाठ पर नहीं होगा।

कैसे करें पूजन?

इस व्रत ( Pradosh Vrat) में शिव के साथ ही पार्वती जी की भी पूजा की जाती है। प्रदोष व्रत की पूजा करने के लिए सुबह जल्दी स्नान कर व्रत का संकल्प लें। पूरे दिन निराहार रहकर सायंकाल सफ़ेद वस्त्रों में शिव मंदिर में या घर पर भोलेनाथ की विधिपूर्वक पूजा करें।

शिवजी का दूध, जल, गंगाजल आदि से अभिषेक करें और बेलपत्र, चंदन, सफेद पुष्प, धतूरा आदि अर्पित करें।

पूजा के दौरान शिवाष्टक या रुद्र स्तोत्र का जाप बहुत शुभ माना जाता है। अगर ये संभव ना हो तो ‘ऊं नम: शिवाय’ का ग्यारह माला जाप करें। इस दिन भगवान शिव की आरती और कथा आदि सुनना भी बहुत फलदायी माना जाता है।

Tags: AstrologyAstrology tipsBhadrapad Pradosh Vratbudh pradosh vratPradosh Vrat 2023
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