नवरात्रि (Shardiya Navratri) के नौ दिनों में मां दुर्गा (Maa Durga) के नौ स्वरूपों की विधि-विधान से पूजा की जाती है. वैसे तो माता रानी सिंह पर सवार होती हैं, लेकिन जब वे पृथ्वी पर आती हैं तो दिन के अनुसार उनकी सवारी बदल जाती है. दिन के हिसाब से उनके आगमन और प्रस्थान की सवारी तय होती है. इस साल शारदीय नवरात्रि ((Shardiya Navratri) ) पर मां दुर्गा किस वाहन पर सवार होकर आएंगी और उनका प्रस्थान किस सवारी पर होगा, आइये जानते है…
कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त
15 अक्टूबर-सुबह 11:48 बजे से दोपहर 12:36 बजे तक.
इस नवरात्रि (Shardiya Navratri) मां का वाहन
इस शारदीय नवरात्रि पर मां हाथी पर सवार होकर आएंगी. जब रविवार को नवरात्रि शुरू होती है, तो देवी अपने वाहन के रूप में हाथी पर सवार होकर आती हैं.
हाथी पर सवार होने का संकेत
देवी पुराण के अनुसार यदि नवरात्रि ((Shardiya Navratri) ) सोमवार और रविवार को शुरू होता है तो मां दुर्गा का वाहन हाथी होता है.
जब मंगलवार और शनिवार से नवरात्रि शुरू होती है तो मां घोड़े पर सवार होकर आती हैं, जो सत्ता परिवर्तन का इशारा करता है.
गुरुवार और शुक्रवार से नवरात्रि शुरू होती है तो मां दुर्गा डोली में बैठकर आती हैं, जो तांडव और जन-धन की हानि का संकेत देता है. हाथी पर सवार होकर माता का आगमन अधिक वर्षा का संकेत देता है.