• About us
  • Privacy Policy
  • Disclaimer
  • Terms & Conditions
  • Contact
24 Ghante Latest Hindi News
  • होम
  • राष्ट्रीय
    • उत्तराखंड
    • उत्तर प्रदेश
    • छत्तीसगढ़
    • हरियाणा
    • राजस्थान
  • राजनीति
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म
  • होम
  • राष्ट्रीय
    • उत्तराखंड
    • उत्तर प्रदेश
    • छत्तीसगढ़
    • हरियाणा
    • राजस्थान
  • राजनीति
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म
No Result
View All Result

पितृपक्ष में कुश का सर्वाधिक महत्व होता है, जानें पितरों के तर्पण में इसका उपयोग

Writer D by Writer D
03/10/2023
in धर्म, फैशन/शैली
0
Kush

Kush

14
SHARES
176
VIEWS
Share on FacebookShare on TwitterShare on Whatsapp

पितृपक्ष (Pitru Paksha) की शुरुआत इस साल 29 सितंबर से हो चुकी है जो कि 14 अक्टूबर तक रहेगी। बताया जाता है इस पूरे पक्ष में लोग अपने परिजनों का श्राद्ध, पितर तर्पण तथा पिंडदान आदि जैसे कर्मकांड संपन्न करते हैं। धार्मिक शास्त्रो में ये सारे दिनों से जुड़े कई नियम आदि बताए गए हैं। जिन्हें अपनाना प्रत्येक उस व्यक्ति के लिए आवश्यक होता है जो इन दिनों में अपने पितरों का पूर्वजों का श्राद्ध करता है। इसमें एक नियम है ऐसा है श्राद्ध में कुश (Kush) का उपयोग। कहा जाता है कि पितर तर्पण में कुश का खासा महत्व रहचा है, जो एक प्रकार की घास होती है। सनातन धर्म मे कुश को विशेष महत्व प्रदान प्राप्त है। यही कारण है कि हर प्रकार के शुभ तथा धार्मिक कार्य को संपन्न करते समय इसका प्रयोग किया जाता है।

धर्मग्रंथों में कुश (Kush) का महत्व- 

कहा जाता है विभिन्न प्रकार के धार्मिक ग्रंथों में कुश का महत्व बताया गया है। अथर्ववेद में बताया गया है कि कुशा क्रोध को नियंत्रित करने में सहायक होती है। साथ ही साथ इसकी प्रयोग एक औषधि के रूप में भी किया जाता है। कुछ धार्मिक किंवदंतियां ये भी हैं कि कुशा भगवान विष्णु के रोम से निर्मित हुई है।

इसकी उत्पत्ति से जुड़ी अन्य जानकारी मत्सय पुराण में पढ़ने को मिलती है कि जब भगवान विष्णु ने वराह अवतार धारण कर हिरण्याक्ष नामक राक्षस का वध कर फिर से धरती को समुद्र से निकालकर सभी प्राणियों की रक्षा की थ तब इन्होंने अपने शरीर पर लगे पानी को झटका जिससे इनके शरीर के कुछ बाल पृथ्वी पर आकर गिर गए। जिन्होंने कुश का रूप धारण कर लिया। ऐसी मान्यता है कि इसके बाद से कुश को पवित्र माना जाने लगा।

इसका एक प्रसंग महाभारत से भी संबंधित है। कथाओं के अनुसार एक बार जब गरुड़देव स्वर्ग से अमृत कलश लेकर आ रहे थे तब कुछ देर के लिए उन्होंने कलश को जमीन पर कुश (Kush) नामक घास पर रख दिया था। कुश पर अमृत कलश रखने से इसका पवित्रता बढ़ गई।

इसके अलावा एक किंवदंति ये भी है कि महाभारत में जब कर्ण ने अपने पितरों का तर्पण किया तब इसमें उन्होंने कुश का ही उपयोग किया था। जिसके बाद ये मान्यता प्रचलित हो गई कि श्राद्ध पक्ष में इसे धारण करके कर्मकांड करने वाले जातक पर उसके पितरदेव अधिक प्रसन्न होते हैं।

Tags: kushpitru pakshaPitru Paksha 2023Pitru Paksha datepitru paksha vidhi
Previous Post

इस दिन रखा जाएगा जीवित्पुत्रिका व्रत, जानें शुभ मुहूर्त

Next Post

इस दिन शुरू होगी शारदीय नवरात्रि, जानें किस वाहन पर मां का होगा आगमन

Writer D

Writer D

Related Posts

Beetroot Cutlet
Main Slider

ब्रेकफास्ट में ट्राई करें ये हेल्दी और टेस्टी कटलेट, खाकर झूम उठेंगे सब

25/09/2025
House
फैशन/शैली

इस तरह करें घर की सजावट, हर कोई करेगा तारीफ

25/09/2025
Bamboo Plant
धर्म

घर में रखें ये जादुई प्लांट, जल्द दूर होगी पैसों की तंगी

25/09/2025
Lipstick
Main Slider

पूरे 12 घंटे टिकी रहेगी लिपस्टिक, बस अपना लें ये ट्रिक

25/09/2025
Feet
फैशन/शैली

पैरों की सफाई के लिए अपनाएं ये तरीकें, चुटकियों में चमक उठेंगे तलवे

25/09/2025
Next Post
Shardiya Navratri

इस दिन शुरू होगी शारदीय नवरात्रि, जानें किस वाहन पर मां का होगा आगमन

यह भी पढ़ें

shivpal yadav

सपा में विलय नहीं होगा, साथ मिलकर चुनाव लड़ेंगे : शिवपाल

26/02/2021
Elon Musk

भारत यात्रा रद्द कर Elon Musk पहुंचे चीन, Tesla को लेकर है ये प्लान

29/04/2024

शिल्पा शेट्टी ने तोड़ी चुप्पी, बोलीं- पुलिस और कानून पर भरोसा है

02/08/2021
Facebook Twitter Youtube

© 2022 24घंटेऑनलाइन

  • होम
  • राष्ट्रीय
    • उत्तराखंड
    • उत्तर प्रदेश
    • छत्तीसगढ़
    • हरियाणा
    • राजस्थान
  • राजनीति
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म

© 2022 24घंटेऑनलाइन

Go to mobile version