बीते साल 2022 से ही दुनिया मंदी (Recession) के खतरे के साये में है और इसका असर बड़ी-बड़ी दिग्गज कंपनियों में लगातार जारी छंटनी (Layoff) के रूप में देखा जा सकता है। कॉस्ट कटिंग के नाम पर कंपनियां हजारों लोगों को नौकरी से निकाल रही है। इस लिस्ट में दुनिया के सबसे बड़े सर्च इंजन गूगल (Google) से लेकर फेसबुक की पैरेंट कंपनी मेटा (Facebook Meta) सबसे आगे हैं। अब बड़ी छंटनी करने वाली कंपनियों की इस लिस्ट में एक नया नाम नोकिया (Nokia) का भी जुड़ने जा रहा है। कंपनी ने अपने 14,000 कर्मचारियों को निकालने की तैयारी कर ली है।
Nokia वर्कफोर्स में 20% कटौती करेगी
रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, फिनिश टेलीकॉम गियर समूह नोकिया (NOKIA।HE) ने गुरुवार को कहा कि उत्तरी अमेरिका जैसे बाजारों में 5G उपकरणों की धीमी बिक्री के कारण तीसरी तिमाही की सेल्स में बड़ी गिरावट दर्ज की गई है। कंपनी के मुताबिक, बिक्री में 20% की कमी आई है और इसके गिरावट के बाद नई लागत बचत योजना (Nokia New Cost Saving Plan) के तहत 14,000 नौकरियों में कटौती की जाएगी। नोकिया के छंटनी (Nokia Lay Off) के इस कदम से कंपनी के मौजूदा करीब 86,000 कर्मचारियों की संख्या घटकर 72,000 रह जाएगी।
Nokia के सामने बाजार में कई चुनौतियां
Nokia ने कॉस्ट कटिंग के नाम पर छंटनी का यह बड़ा फैसला ऐसे समय में लिया है, जबकि कंपनी उत्तरी अमेरिका जैसे महत्वपूर्ण बाजारों में कई चुनौतियों से जूझ रही है। Layoff समेत अन्य कॉस्ट सेविंग कदमों के जरिए कंपनी का लक्ष्य 2026 तक 800 मिलियन यूरो ($842 मिलियन) से लेकर 1।2 बिलियन यूरो तक की बचत हासिल करना है।
आखिर क्यों लेना पड़ा छंटनी का फैसला?
नोकिया के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (Nokia CEO) पेक्का लुंडमार्क (Pekka Lundmark) ने तीसरी तिमाही के दौरान सामने आई चुनौतियों को स्वीकार किया और कहा कि चौथी तिमाही के दौरान नेटवर्क बिजनेस में अधिक सुधार दिखने की उम्मीद है।
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कंपनी में 14,000 कर्मचारियों की छंटनी की तैयारी के संबंध में उन्होंने कहा कि मार्केट में जारी अनिश्चितता (Market Uncertainty) को समायोजित करने और हमारी लॉन्ग टर्म प्रॉफिटेबिलिटी को सुरक्षित करने के लिए लागत में कटौती करते हुए ये कदम उठाना आवश्यक है।