कार्तिक पूर्णिमा (Kartik Purnima) का दिन भगवान विष्णु की उपासना के लिए बेहद खास माना गया है। पौराणिक मान्यता है कि ऐसी मान्यता है कि इस दिन कृतिका में शिव शंकर के दर्शन करने से सात जन्म तक व्यक्ति ज्ञानी और धनवान होता है। इस दिन चन्द्र जब आकाश में उदित हो रहा हो उस समय शिवा, संभूति, संतति, प्रीति, अनुसूया और क्षमा इन छ: कृतिकाओं का पूजन करने से शिव जी की प्रसन्नता प्राप्त होती है।
कार्तिक पूर्णिमा (Kartik Purnima) के दिन गंगा स्नानार्थियों पर भगवान विष्णु की विशेष कृपा बरसती है। कार्तिक पूर्णिमा स्नान से सभी प्रकार के पाप मिट जाते हैं।
इस दिन दीप दान विशेष फलदायी होता है कार्तिक पूर्णिमा के दिन गंगा स्नान, दीप दान, हवन, यज्ञ आदि करने से सांसारिक पाप और ताप का शमन होता है। इस दिन किये जाने वाले अन्न, धन एव वस्त्र दान का भी बहुत महत्व बताया गया है। इस पूर्णिमा को त्रिपुरी पूर्णिमा भी कहा जाता है।
पंचांग के अनुसार कार्तिक पूर्णिमा (Kartik Purnima) का शुभ मुहूर्त 3 बजकर 52 मिनट से शुरू होगा, जो अगले दिन 27 नवंबर को दोपहर 2 बजकर 45 मिनट पर समाप्त होगा। उदयातिथि के अनुसार कार्तिक पूर्णिमा 27 नवंबर को मनाई जाएगी। इस दिन स्नान दान करना अच्छा होगा।