सनातन धर्म में जीवन जीने की पद्धति में ग्रह ,नक्षत्र और मुहूर्त का विशेष महत्व है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, शुभ मूहूर्त में किये गए कार्य कभी नष्ट नहीं होते और इन कार्यों का जीवन के प्रगति में बहुत महत्व होता है। इसी तरह समय ग्रह नक्षत्रों की चाल पर आधारित समय गणना में एक विशेष काल खण्ड को खराब अवधि माना जाता है। इस अवधि में कोई शुभ कार्य की मनाही होती है। इस अवधि में विवाह, गृह प्रवेश नहीं किया जाता है। हिन्दू पंचांग के अनुसार खरमास (Kharmas) का बेहद महत्व है। जिस दिन ग्रहों के राजा सूर्य देव धनु राशि में प्रवेश करते हैं उसी वक्त धनु संक्रांति (Dhanu Sankranti) होती है जिससे खरमास माह शुरु हो जाता है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, खरमास के समय कुछ कार्य वर्जित होते है।
खरमास (Kharmas) का मुहूर्त
सूर्य देवता 16 दिसंबर 2023 की शाम को 3 बजकर 58 मिनट पर वृक्ष्चिक राशि से निकलकर धनु राशि में प्रवेश करेंगे। इसके बाद से ही खरमास (Kharmas) माह शुरु हो जाएगा।
न करें ये काम
1. खरमास (Kharmas) के दौरान शादी-विवाह से शुभ कार्य करना वर्जित होता है।
2. खरमास में आप नया घर, संपत्ति या नया कारोबार खरीदने की कोई प्लानिंग या शुरुआत न करें।
3. खरमास (Kharmas) के माह में आपको शराब के सेवन और तामसिक भोजन के सेवन से बचना चाहिए।
करें ये काम
1.खरमास (Kharmas) में सत्यनारायण की कथा पढ़ना बेहद शुभ माना जाता है। पूरे परिवार को साथ बैठकर कथा सुननी चाहिए। इससे अक्षय फल की प्राप्ति हो सकती है।
2.खरमास में केले के पेड़ की पूजा करने से उत्तम फल की प्राप्ति हो सकती है।