प्रदोष व्रत (Pradosh Vrat) भगवान शिव को समर्पित व्रत माना जाता है। यह पर्व हर महीने कृष्ण और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को मनाया जाता है। 10 दिसंबर को मार्गशीर्ष माह का प्रदोष व्रत है। इस दिन महादेव और माता पार्वती की विशेष पूजा की जाती है। इस बार प्रदोष व्रत (Pradosh Vrat) रविवार को मनाया जा रहा है, इसलिए इसे रवि प्रदोष व्रत (Ravi Pradosh Vrat) कहा जाएगा। ज्योतिष शास्त्र में शीघ्र विवाह के लिए प्रदोष व्रत पर विशेष उपाय किए जाते हैं। अगर आपके विवाह में बाधाएं आ रही हैं, तो प्रदोष व्रत में राशि के अनुसार इन चीजों को भगवान शिव पर अर्पित करें। इससे भगवान शिव आपकी कुंडली में ग्रहों के प्रतिकूल प्रभाव को खत्म कर देते हैं।
मेष राशि
मेष राशि के जातकों को शीघ्र विवाह के लिए प्रदोष व्रत के दिन गंगाजल में बेलपत्र मिलाकर भगवान शिव का जलाभिषेक करना चाहिए।
वृषभ राशि
वृषभ राशि के जातकों को शीघ्र विवाह के लिए प्रदोष व्रत के दिन कच्चे दूध से भगवान शिव का अभिषेक करना चाहिए।
मिथुन राशि
मिथुन राशि के जातकों को प्रदोष व्रत पर गंगा जल में दूर्वा और बेलपत्र मिलाकर भगवान शिव का अभिषेक करना चाहिए।
कर्क राशि
कर्क राशि के जातकों को शीघ्र विवाह के लिए प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव का शुद्ध घी से अभिषेक करना चाहिए।
सिंह राशि
सिंह राशि के जातकों को प्रदोष व्रत के दिन गंगा जल में कच्चा दूध और शहद मिलाकर भगवान शिव का अभिषेक करना चाहिए।
कन्या राशि
कन्या राशि के जातकों को शीघ्र विवाह के लिए गंगा जल में बेलपत्र या पान के पत्ते मिलाकर भगवान शिव का अभिषेक करना चाहिए।
तुला राशि
तुला राशि के जातकों को शीघ्र विवाह के लिए प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव का पंचामृत से अभिषेक करना चाहिए।
वृश्चिक राशि
वृश्चिक राशि के जातकों को प्रदोष व्रत पर गंगा जल में सुगंध मिलाकर महादेव का अभिषेक करना चाहिए।
धनु राशि
धनु राशि के जातकों को अशुभ ग्रहों के प्रभाव को दूर करने के लिए गंगा जल में काले तिल मिलाकर भगवान शिव का अभिषेक करना चाहिए।
मकर राशि
मकर राशि के जातकों को शीघ्र विवाह के लिए प्रदोष व्रत पर गंगाजल में काले तिल, बेलपत्र और सुगंध मिलाकर भगवान शिव का अभिषेक करना चाहिए।
कुंभ राशि
कुंभ राशि के जातकों को प्रदोष काल में गंगा जल में गुलाब जल और गन्ने का रस मिलाकर भगवान शिव का अभिषेक करना चाहिए।
मीन राशि
मीन राशि के जातकों को प्रदोष व्रत के दिन कच्चे दूध में पान के पत्ते और दूर्वा मिलाकर भगवान शिव का अभिषेक करना चाहिए।