पापमोचनी एकादशी (Papmochani Ekadashi) व्रत 5 अप्रैल को रखा जाएगाहर माह कृष्ण और शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को एकादशी व्रत रखा जाता है। सनातन पंचांग के अनुसार, पापमोचनी एकादशी व्रत 5 अप्रैल को रखा जाएगा। इस दिन भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी की पूजा की जाती है। साथ ही उनके निमित्त व्रत भी रखा जाता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, पापमोचनी एकादशी (Papmochani Ekadashi) के दिन भगवान विष्णु की पूजा करने से उनकी विशेष कृपा प्राप्त होती है। आइए, जानते हैं पापमोचनी एकादशी का शुभ मुहूर्त और पूजा विधि क्या है।
पापमोचनी एकादशी (Papmochani Ekadashi) शुभ मुहूर्त
पंचांग के अनुसार, चैत्र मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि 4 अप्रैल को शाम 4.14 बजे शुरू होगी और 5 अप्रैल को दोपहर 1.28 बजे समाप्त होगी। ऐसे में पापमोचनी एकादशी (Papmochani Ekadashi) 5 अप्रैल को मनाई जाएगी।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, पापमोचनी एकादशी (Papmochani Ekadashi) का व्रत करने से व्यक्ति को भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है। साथ ही जीवन में खुशियां बनी रहती है। इसके साथ ही पापमोचनी एकादशी का व्रत करने से पापों से मुक्ति मिलती है।
पापमोचनी एकादशी (Papmochani Ekadashi) पूजा विधि
पापमोचनी एकादशी (Papmochani Ekadashi) के दिन सुबह जल्दी उठकर भगवान विष्णु का ध्यान करें और व्रत करने का संकल्प लें। स्नान-ध्यान से निवृत्त होकर, मंदिर में भगवान विष्णु की छोटी मूर्ति या तस्वीर स्थापित करें। अब भगवान विष्णु को चंदन का लेप, फल, दीपक और धूप अर्पित करें। साथ ही इस दिन विष्णु सहस्त्रनाम और नारायण स्तोत्र का पाठ करना बहुत शुभ होता है। एकादशी के अगले दिन यानी द्वादशी पर ब्राह्मणों को भोजन कराना चाहिए और उन्हें दक्षिणा आदि देने के बाद ही खुद भोजन ग्रहण करना चाहिए।