अमरावती। आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने तिरुपति मंदिर (Tirupati Temple) के प्रसाद में घी की जगह जानवरों की चर्बी मिलाने का आरोप लगाया था। इसके बाद सैंपल जांच के लिए भेजे गए। अब जांच के बाद रिपोर्ट सामने आई है जिसमें फिश ऑयल मिलने की पुष्टि हुई है। बुधवार को सीएम ने पूर्व मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी पर आरोप लगाया था कि जगन राज में तिरुपति मंदिर के प्रसाद में घी की जगह जानवरों की चर्बी मिलाई गई।
एक कार्यक्रम के दौरान नायडू ने कहा था कि प्रसाद में घी की जगह जानवरों की चर्बी और घटिया क्वालिटी का सामान इस्तेमाल होता था। उन्होंने कहा कि हमने ये सुनिश्चित किया कि प्रसाद में असली घी, साफ-सफाई और अच्छी क्वालिटी का ध्यान रखा जाए।
जगन मोहन रेड्डी का पलटवार
सीएम नायडू के इस बयान पर जगन मोहन रेड्डी की पार्टी YSRCP ने भी जवाब दिया। इसमें कहा गया कि चंद्रबाबू नायडू ने दिव्य मंदिर तिरुमाला की पवित्रता और करोड़ों हिंदुओं की आस्था को नुकसान पहुंचाकर बहुत बड़ा पाप किया है। चंद्रबाबू नायडू द्वारा तिरुमाला के प्रसाद पर की गई टिप्पणी बेहद घटिया है। मनुष्य जन्म में जन्मा कोई भी व्यक्ति ऐसे शब्द नहीं बोलता और न ही ऐसे आरोप लगाता है। एक बार फिर यह साबित हो गया है कि राजनीति के लिए चंद्रबाबू कुछ भी गलत करने से नहीं हिचकिचाएंगे।
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रेड्डी ने कहा कि भक्तों की आस्था को मजबूत करने के लिए मैं और मेरा परिवार तिरुमाला प्रसाद के मामले में शपथ लेने के लिए तैयार है।
लड्डू भी घटिया सामान से बनाने का आरोप
बता दें कि तिरुपति के श्री वेंकटेश्वर मंदिर (Tirupati Temple) में तिरुपति लड्डू चढ़ाया जाता है, जिसका संचालन तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) करता है। एनडीए विधायक दल की बैठक को संबोधित करते हुए सीएम नायडू ने दावा किया कि कि तिरुमाला लड्डू भी घटिया सामग्री से बनाया जाता था, घी की जगह पशु वसा का इस्तेमाल किया जाता था। सीएम ने जोर देकर कहा कि अब शुद्ध घी का इस्तेमाल किया जा रहा है और मंदिर में हर चीज को सैनिटाइज किया गया है, जिससे गुणवत्ता में सुधार हुआ है।