शक्ति को समर्पित नौ दिन 3 अक्टूबर, 2024 से शुरू हो चुके हैं। आज, शुक्रवार के दिन शारदीय नवरात्रि का दूसरा दिन रहेगा। इस दिन मां दुर्गा देवी के ब्रह्माचारिणी (Maa Brahmacharini) रूप की पूजा-अर्चना की जाएगी। इस दिन शुभ मुहूर्त में दुर्गा पूजन करना भक्तों के लिए बेहद लाभकारी रहेगा। शारदीय नवरात्रि के 9 पावन दिनों में हर दिन मां के अलग-अलग रूपों की पूजा की जाती है, जो अपने भक्तों को ज्ञान, शक्ति और खुशी प्रदान करती हैं। शारदीय नवरात्रि के दौरान मां दुर्गा की कृपा बनाए रखने के लिए मां ब्रह्माचारिणी (Maa Brahmacharini) की आरती जरूर करनी चाहिए। आगे पढ़ें मां दुर्गा के स्वरूप मां ब्रह्माचारिणी जी की आरती-
मां ब्रह्माचारिणी (Maa Brahmacharini) की आरती
जय अंबे ब्रह्माचारिणी माता।
जय चतुरानन प्रिय सुख दाता।
ब्रह्मा जी के मन भाती हो।
ज्ञान सभी को सिखलाती हो।।
ब्रह्मा मंत्र है जाप तुम्हारा।
जिसको जपे सकल संसारा।।
जय गायत्री वेद की माता।
जो मन निस दिन तुम्हें ध्याता।।
कमी कोई रहने न पाए।
कोई भी दुख सहने न पाए।।
उसकी विरति रहे ठिकाने।
जो तेरी महिमा को जाने।।
रुद्राक्ष की माला ले कर।
जपे जो मंत्र श्रद्धा दे कर।।
आलस छोड़ करे गुणगाना।
मां तुम उसको सुख पहुंचाना।।
ब्रह्माचारिणी तेरो नाम।
पूर्ण करो सब मेरे काम।।
भक्त तेरे चरणों का पुजारी।
रखना लाज मेरी महतारी।।
मां ब्रह्मचारिणी (Maa Brahmacharini) का मंत्र : ॐ देवी ब्रह्मचारिण्यै नमः॥
मां ब्रह्मचारिणी (Maa Brahmacharini) का बीज मंत्र : ‘ह्री श्री अम्बिकायै नमः’ का जाप करें।
मां ब्रह्मचारिणी (Maa Brahmacharini) की स्तुति: या देवी सर्वभूतेषु माँ ब्रह्मचारिणी रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥
मां ब्रह्मचारिणी (Maa Brahmacharini) का स्तोत्र
तपश्चारिणी त्वंहि तापत्रय निवारणीम्।
ब्रह्मरूपधरा ब्रह्मचारिणी प्रणमाम्यहम्॥
शङ्करप्रिया त्वंहि भुक्ति-मुक्ति दायिनी।
शान्तिदा ज्ञानदा ब्रह्मचारिणी प्रणमाम्यहम्॥