• About us
  • Privacy Policy
  • Disclaimer
  • Terms & Conditions
  • Contact
24 Ghante Latest Hindi News
  • होम
  • राष्ट्रीय
    • उत्तराखंड
    • उत्तर प्रदेश
    • छत्तीसगढ़
    • हरियाणा
    • राजस्थान
  • राजनीति
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म
  • होम
  • राष्ट्रीय
    • उत्तराखंड
    • उत्तर प्रदेश
    • छत्तीसगढ़
    • हरियाणा
    • राजस्थान
  • राजनीति
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म
No Result
View All Result

शारदीय नवरात्रि के दूसरे दिन करें मां ब्रह्मचारिणी की पूजा , लगाएं दूध और पंचामृत का भोग

Writer D by Writer D
04/10/2024
in धर्म, फैशन/शैली
0
Maa Brahmacharini

Maa Brahmacharini

14
SHARES
176
VIEWS
Share on FacebookShare on TwitterShare on Whatsapp

शारदीय नवरात्र (Shardiya Navratri 2024) का पर्व 3 अक्टूबर से प्रारंभ हो चुका है। इन नौ दिनों में मां दुर्गा के नौ रूपों की हर दिन विधि विधान से पूजा की जाती है। नवरात्रि के दूसरे दिन मां भगवती के ब्रह्मचारिणी (Maa Brahmacharini) स्वरूप की पूजा की जाती है। माता ब्रह्मचारिणी की पूजा अराधना करने से आत्मविश्वास, आयु, आरोग्य, सौभाग्य, अभय आदि की प्राप्ति होती है। माता ब्रह्मचारिणी को ब्राह्मी भी कहा जाता है।

मां ब्रह्मचारिणी (Maa Brahmacharini) की पूजा

मां ब्रह्मचारिणी (Maa Brahmacharini) के हवन में सामग्री के साथ धूप, कपूर, लौंग, सूखे मेवा, मिश्री-मिष्ठान, देसी घी के साथ आहुति देकर पूजन किया जाता है। इनके दाहिने हाथ में जप की माला व बाएं हाथ में कमंडल है। साधक यदि भगवती के इस स्वरूप की आराधना करते हैं, तो उनमें तप करने की शक्ति, त्याग, सदाचार, संयम और वैराग्य में वृद्धि होती है।

मां ब्रह्मचारिणी (Maa Brahmacharini) का भोग

मां ब्रह्मचारिणी के इस स्वरुप को मिश्री, दूध और पंचामृत का भोग लगाना चाहिए।

रंग
मां ब्रह्मचारिणी (Maa Brahmacharini) को भी सफेद रंग ही पसंद है। मां की पूजा में पीले रंग के फल, फूल आदि का प्रयोग करें।

कथा
पौराणिक कथाओं के अनुसार मां ब्रह्मचारिणी (Maa Brahmacharini) पुत्री बनकर पर्वतराज हिमालय के घर में जन्म लिया था। वह भगवान शंकर को पति के रूप में पाना चाहती थीं और उन्होंने अपनी यह इच्छा नारद मुनि के सामने व्यक्त की। नारद जी ने उन्हें घोर तपस्या करने की सलाह दी। नारद जी सलाह के अनुसार मां ब्रह्मचारिणी ने कई 1000 वर्षों तक केवल फल व फूल खाकर तपस्या की। इसके अलावा उन्होंने 10 वर्षों तक जमीन पर बैठकर तप किया। अपने कठोर तप की वजह से उन्हें ब्रह्मचारिणी नाम दिया गया। मान्यता है कि कई हजार वर्षों तक निर्जल और निराहार रहकर तपस्या करने से देवता प्रसन्न हुए और मनोकामना पूर्ति का वरदान मिला।

 बीज मंत्र

नवरात्रि के दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी (Maa Brahmacharini)  को प्रसन्न करने के लिए उनके बीज मंत्र ‘ह्रीं श्री अम्बिकायै नमः’ का 108 बार जाप कर सकते हैं। इसके अलावा ‘ या देवी सर्वभूतेषु माँ ब्रह्मचारिणी रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।।

Tags: maa brahmcharinimaa brahmcharini ki pujamaa brahmcharini mantrshardiya navratrishardiya navratri 2024
Previous Post

CM साय ने किया प्रथम छत्तीसगढ़ हरित शिखर सम्मेलन का शुभारंभ

Next Post

शनि देव ने किया राहु के नक्षत्र में प्रवेश, साढ़ेसाती व ढैय्या से पीड़ित राशियों पर होगा ये असर

Writer D

Writer D

Related Posts

Hair Fall
फैशन/शैली

झड़ते बालों से है परेशान, अपनाएं ये कारगर नुस्खे

01/11/2025
skin care tips
फैशन/शैली

गुलाबी होंठ पाने के लिए सोने से पहले करें ये काम

01/11/2025
फैशन/शैली

रूखे बालों में आ जाएगी शाइन, आजमाएं ये नुस्खा

01/11/2025
Aloo Raita
फैशन/शैली

यह रायता भूख जगाने के साथ बढ़ा देता है खाने का स्वाद

01/11/2025
Hair
फैशन/शैली

मजबूत और घने बालों के लिए फॉलो करें ये रूटीन

01/11/2025
Next Post
Shani Dev

शनि देव ने किया राहु के नक्षत्र में प्रवेश, साढ़ेसाती व ढैय्या से पीड़ित राशियों पर होगा ये असर

यह भी पढ़ें

Arrested

दो शातिर लुटेरे गिरफ्तार, केमीकल व्यापारी से हुई लूट का खुलासा

23/04/2022
पैरा ओलंपिक Para Olympics

पैरा ओलंपिक के लिए भारत को मिला दो कोटा, जीते चार स्वर्ण पदक

13/02/2021
shot to dead

दिनदहाड़े गोली मारकर युवक हत्या, पुलिस महकमे में मचा हड़कंप

15/01/2021
Facebook Twitter Youtube

© 2022 24घंटेऑनलाइन

  • होम
  • राष्ट्रीय
    • उत्तराखंड
    • उत्तर प्रदेश
    • छत्तीसगढ़
    • हरियाणा
    • राजस्थान
  • राजनीति
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म

© 2022 24घंटेऑनलाइन

Go to mobile version