लखनऊ। उत्तर प्रदेश के ऊर्जा एवं नगर विकास मंत्री ए0के0 शर्मा (AK Sharma) ने मंगलवार को नई दिल्ली में राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों के ऊर्जा मंत्रियों के सम्मेलन में प्रतिभाग किया। यह सम्मेलन केंद्रीय ऊर्जा, आवास एवं शहरी मामले मंत्री मनोहर लाल खट्टर की अध्यक्षता में नई दिल्ली के इण्डिया इण्टरनेशनल कन्वेंशन एण्ड एक्स्पो सेन्टर, यशोभूमि, द्वारका में आयोजित किया गया, जिसमें राज्यों की ऊर्जा जरूरतों, अवस्थापना संरचनाओं के विकास तथा देश में ऊर्जा क्षेत्र के सम्भावित विकास की रणनीतियों व सुझावों पर चर्चा हुई।
ऊर्जा मंत्री ए0के0 शर्मा (AK Sharma) ने बताया कि भारत सरकार के ऊर्जा मंत्रालय द्वारा दिए गए प्रस्तुतीकरण एवं गोष्ठी में चर्चा के दौरान प्रदेश में ऊर्जा के क्षेत्र में किये गये कार्यों में निम्नलिखित तथ्य स्पष्ट रूप से उभर कर सामने आए। इसमें-भारत सरकार के सहयोग से चलाई जा रही आरडीएसएस योजना के अंतर्गत उत्तर प्रदेश पिछले दो वर्षों में देश में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाला राज्य बना है। इस क्षेत्र में उत्तर प्रदेश ने 62 प्रतिशत भौतिक प्रगति और 47 प्रतिशत वित्तीय प्रगति हासिल की है जो कि देश में सर्वाधिक है।
इसी प्रकार से अवस्थापना संरचनाओं के विकास में और लाइन हानियों में कमी लाने के प्रयासों में उत्तर प्रदेश देश में प्रथम स्थान पर है। जिसको लक्ष्य के सापेक्ष आगामी मार्च 2025 तक पूर्ण कर लिया जाएगा।
इस वर्ष की अत्यधिक गर्मी के मौसम में उत्तर प्रदेश में सभी श्रेणियों के विद्युत उपभोक्ताओं को लगातार 24 घंटे बिजली की आपूर्ति की गयी है। प्रदेश में 13 जून 2024 को 30,618 मेगावाट बिजली की आपूर्ति की गई, जो कि देश में सर्वाधिक थी। इसी प्रकार 17 जून, 2024 को उत्तर प्रदेश में 659.59 मिलियन यूनिट ऊर्जा की मांग को पूरा किया गया, जो कि देश में सर्वाधिक थी।
ऊर्जा मंत्री (AK Sharma) ने बताया कि विगत 02 वर्षों की अवधि में सर्वाधिक बिजली की सप्लाई करने के साथ ही उत्तर प्रदेश में एटी एंड सी हानियों में कमी लाकर उसे लगभग आधा कर दिया गया है। इस हानि को वर्ष 2021-22 में 31 प्रतिशत से घटाकर वर्ष 2023 में 22 प्रतिशत पर लाया गया और वर्तमान वर्ष 2024 में इसे और कम करके 16.50 प्रतिशत पर ला दिया गया है। इस उपलब्धि को एक उल्लेखनीय उपलब्धि माना गया है।
प्रदेश में वर्ष 2034 तक की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने के लिए आवश्यक संसाधनों हेतु योजना तैयार कर ली गई है। प्रदेश की बढ़ती हुई ऊर्जा आवश्यकताओं को थर्मल, हाइड्रो, सोलर एवं पीएसपी परियोजनाओं को मिलाकर पूरा करने की योजना है। वर्तमान में निर्माणाधीन अनेक नई थर्मल पॉवर परियोजनाओं के पूरा हो जाने पर उत्तर प्रदेश में बिजली का सर्वाधिक उत्पादन होने लगेगा। इन परियोजनाओं में ओबरा-डी, अनपरा एवं मेजा में आने वाली परियोजनाएं सम्मिलित हैं। उत्तर प्रदेश में निजी क्षेत्र की सहायता से भी प्रदेश में बड़ी बिजली परियोजनाएं स्थापित करने की योजना पर कार्य हो रहा है।
नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में उत्तर प्रदेश ने अभूतपूर्व प्रगति हासिल की है जिनमें प्रदेश में सोलर पार्कों की स्थापना तथा सौर ऊर्जा के उत्पादन को बढ़ाना प्रमुख है। घरों की छतों पर लगने वाले रूफटॉप सोलर पैनल और जैव ऊर्जा पर आधारित बिजली के उत्पादन से प्रदेश ने नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में उल्लेखनीय सफलता हासिल की है। सीबीजी उत्पादन में उत्तर प्रदेश देश में पहले स्थान पर है और रूफटॉप सोलर लगाने में तीन अग्रणीं राज्यों में है।
बैठक में उत्तर प्रदेश द्वारा इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिए किए जा रहे कार्यों की प्रशंसा हुई। इसमें इस कार्य के लिए नई कंपनी बनाने एवं प्राइवेट गाड़ियों के साथ नगर निगमों और परिवहन निगम की बसों में भी यह सुविधा देने की व्यवस्था भी शामिल है।
उन्होंने बताया कि बिजली की आपूर्ति में और गुणवत्ता लाने के लिए प्रत्येक वर्ष में दो बार अनुरक्षण माह का प्रावधान किया गया है। यह अभियान वर्तमान में भी जारी है। यह भी उल्लेख किया गया कि पिछले दो वर्षों में प्रदेश के बिजली निगमों की आर्थिक दशा में पर्याप्त सुधार हुआ है। इसका एक कारण यह भी है कि बिल बनाने और देने की क्षमता में वित्तीय वर्ष 2021-22 में 80.20 प्रतिशत की तुलना में वित्तीय वित्तीय वर्ष 2023-24 में 84.50 प्रतिशत का सुधार हुआ है। इसी प्रकार से राजस्व अर्जित करने की दृष्टि से वित्तीय वर्ष 2021-22 में 85.90 प्रतिशत से बढ़कर वित्तीय वर्ष 2023-24 में 98.70 प्रतिशत हो गया है। बिजली की प्रति यूनिट दर भी वित्तीय वर्ष 2020-21 में 3.92 रुपए से बढ़कर वित्तीय वर्ष 2023-24 में 4.70 रुपये हो गई है।
यह भी उल्लेखनीय है कि उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड को सभी सरकारी बिलों की देनदारियों का भुगतान समय पर किया जा रहा है। पिछले कुछ वर्षों में बिजली उपभोक्ताओं की सेवाओं में काफी सुधार किया गया है। इसके लिए व्यक्तिगत रूप से जनसुनवाई की जा रही है और आधुनिक तकनीक की बड़े पैमाने पर सहायता ली जा रही है। इसके लिए टेलीफोन नंबर 1912 पर जनता द्वारा टेलीफोन कॉल करके बिजली संबंधी शिकायत करने का प्रावधान किया गया है। इसी के साथ ही ऊर्जा मंत्री के व्यक्तिगत नेतृत्व में ‘संभव’ नामक तकनीकी व्यवस्था के माध्यम से राज्य भर में जनसामान्य की सुनवाई कर तुरंत निस्तारण किया जाता है
अभ्यर्थियों का हित सर्वोपरि, इसी भाव से हो रहा परीक्षा प्रणाली सुधार: आयोग
बिजली के क्षेत्र में सुधार लाने के लिए टेक्नोलॉजी पर आधारित एवं कई ऑनलाइन सेवाओं का प्रयोग भी किया जा रहा है। इसमें ट्रस्ट बिलिंग का भी प्रावधान किया गया है जिसके अंतर्गत बिजली उपभोक्ता स्वयं अपने बिल बना सकते हैं। बिजली के उपभोक्ताओं को उनके मोबाइल टेलीफोन पर एसएमएस संदेश द्वारा बिलों के भुगतान के लिए बिजली विभाग द्वारा अनुस्मारक भी भेजा जाता है। अब बड़ी संख्या में उपभोक्ता अपने बिलों का भुगतान कंप्यूटर की मदद से ऑनलाइन माध्यम से कर रहे हैं।
बिजली उपभोक्ताओं के अन्य अनुरोध अथवा शिकायतों, जैसे नए कनेक्शन लगाना, बिजली के कनेक्शन को कटवाना, बिजली के अधिभार को बढ़ाना, बिल में सुधार करवाना, नाम और पते को सही करवाना,आदि को अब बिजली विभाग की वेबसाइट अथवा मोबाइल एप्लीकेशन के माध्यम से किया जा रहा है।
सम्मेलन में प्रमुख सचिव ऊर्जा नरेन्द्र भूषण, चेयर मैन यूपीपीसीएल डॉ0 आशीष कुमार गोयल, एमडी यूपीपीसीएल पंकज कुमार ने भी प्रतिभाग किया।